निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसा रहे थे सेना के क्रूर जवान, एक नन के आगे टेकने पड़े घुटने

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से लगातार हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। सेना की कार्यवाही में अभी तक 68 प्रदर्शनकारियों की मौत की खबर है। इस बीच यहां से एक नन की तस्वीर सामने आई है, जो वायरल हो गई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 10, 2021 9:52 AM IST

हटके डेस्क: महात्मा गांधी ने अहिंसा का पाठ दुनिया को पढ़ाया। हर कोई उन्हें अहिंसा की मूर्ति बताता है। ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई देशों के लोग भी गांधीजी के अहिंसा धर्म को अपनाते हैं। इसी का एक उदाहरण म्यांमार में चल रहे हिंसाकारी प्रदर्शन में देखने को मिला। 9 मार्च को काचिन के मायित्किना में प्रदर्शनकारियों पर गोली बरसा रहे सैनिकों के सामने एक नन आकर खड़ी हो गई। इसके बाद सैनिकों ने अपने हथियार नीचे कर दिए और नन के सामने घुटने टेक दिए। 

डट कर हो गई सामने खड़ी 
नन की पहचान सिस्टर एन रोज नू तावंग के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि जब सैनिक प्रदर्शनकारियों पर गोली बरसा रहे थे तब रोज उनके सामने बैठ गई। साथ ही उनसे कहा कि बच्चों, महिलाओं और प्रदर्शनकारियों पर गोली बरसाना बंद करें। अगर ऐसा कर रहे हैं तो सबसे पहले मुझपर गोली चलाएं। साथ ही रोज उनके सामने बैठ गई।  उसने  ये भी ऐलान किया कि वो तब तक सैनिकों के सामने से नहीं हटेगी जब तक उसकी मौत ना हो जाए। 

घुटने पर बैठ गए सैनिक 
सिस्टर रोज के इस एक्शन का ऐसा असर हुआ कि सैनिको ने अपने  हथियार नीचे कर दिए। साथ ही एक सैनिक तो अपने घुटनों पर ही बैठ गया। नन वहीँ बैठी रही जब तक अधिकारीयों ने उसे भरोसा नहीं दिलवाया कि अब वहां गोलियां नहीं बरसेगी। खून-खराबा नहीं होने के विश्वास के बाद नन वहां से हटने को तैयार हुई। 

शुरू हो गई सेना की मनमानी 
कई सालों की लड़ाई के बाद म्यांमार में लोकतंत्र आया था। लेकिन अब फिर से यहां सेना का शासन हो गया है। जब सेना ने तख्तापलट किया तब इसकी जानकारी देश के राजदूत ने दी थी। स्थिति बताते हुए वो रो पड़े थे और यूएन से मदद मांगी थी। इसके बाद म्यांमार सैन्य शासन ने राजदूत को सेना के खिलाफ आवाज उठाने के आरोप में  बर्खास्त कर दिया था।  
 

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