कोरोना वायरस के खतरे से लोगों का बचाव करने में कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लगी हुई हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के वॉलन्टियर इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन इन्हें कई तरह के खतरों का सामना भी करना पड़ता है। अभी हाल ही में म्यांमार में WHO के एक ड्राइवर को कुछ लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी।
हटके डेस्क। कोरोना वायरस के खतरे से लोगों का बचाव करने में कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लगी हुई हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के वॉलन्टियर इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन इन्हें कई तरह के खतरों का सामना भी करना पड़ता है। अभी हाल ही में म्यांमार में WHO के एक ड्राइवर को कुछ लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी। यह ड्राइवर कोरोना से संक्रमित मरीजों का सैम्पल लेने जा रहा था। उसे म्यांमार के राखीन में गोलियों से भून दिया गया। पाइने सोन विंग नाम के इस ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। उस वक्त वह संयुक्त राष्ट्र संघ की गाड़ी चला रहा था। बताया जा रहा है कि उसकी हत्या एक सशस्त्र स्थानीय समूह के लोगों ने की है, जो म्यांमार की सेना से गुरिल्ला युद्ध कर रहे हैं।
क्या कहा संयुक्त राष्ट्र संघ ने
ड्राइवर की हत्या किए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थानीय प्रवक्ता ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि यह ड्राइवर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के लिए काम कर रहा था। वह कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए सैम्पल कलेक्ट करने जा रहा था। लेकिन स्थानीय संघर्ष में लगे समूह ने उसे मार डाला। यूएन ने कहा कि सेना और सशस्त्र जातीय समूहों के बीच हुए संघर्ष में दर्जनों निर्दोष नागरकि मारे जा चुके हैं।
सैन्य प्रवक्ता ने सेना का हाथ होने से किया इनकार
इस बीच, म्यामांर के सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल तुन न्यी ने कहा कि सैन्य बल के लोगों ने ड्राइवर के वाहन पर गोली नहीं चलाई। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड नेशन्स हमारे देश के लोगों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे में इनके स्टाफ का नुकसान करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम पर है।
सिटवे से यंगून जा रहा था ड्राइवर
जिस वाहन पर हमला किया गया, उसके बारे में बताया गया कि वह सिटवे से यंगून जा रहा था। ड्राइवर स्वास्थ्य और खेल मंत्रालय की तरफ से कोरोना वायरस की जांच के लिए सैम्पल लेने जा रहा था। इस हमले में एक सरकारी कर्मचारी भी घायल हुआ है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि गोली किस गुट ने चलाई थी।