
वाशिंगटन: अमेरिका में हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर आतंकी हमले को आज 23 साल पूरे हो गए हैं. अलकायदा आतंकवादियों के इस हमले में 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इस दर्दनाक घटना का गम आज भी अमेरिकियों के दिलों में ताज़ा है.
अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है 11 सितंबर 2001. अपनी धरती पर घुसकर हमला करने की किसी भी ताकत की हिम्मत नहीं होगी, अमेरिका के इसी आत्मविश्वास को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले ने तगड़ा झटका दिया था. शुरुआती रिपोर्ट्स में इसे एक विमान हादसा बताया जा रहा था.
बोस्टन से लॉस एंजिल्स जा रही अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट सुबह 8.46 बजे न्यूयॉर्क सिटी में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर से जा टकराई. इसके 17 मिनट बाद ही 9.3 बजे उसी बिल्डिंग के साउथ टावर से एक और विमान के टकराने की खबर आई, जिसके बाद यह साफ हो गया कि यह कोई आतंकी हमला है.
उस दिन अलकायदा आतंकवादियों ने कुल चार यात्री विमानों को हाईजैक किया था. उनका निशाना सिर्फ न्यूयॉर्क शहर नहीं था. उन्होंने पेंटागन और व्हाइट हाउस को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी. हालांकि, व्हाइट हाउस पर हमला करने की उनकी कोशिश नाकाम रही.
उस दिन चारों जगहों पर हुए हमलों में कुल मिलाकर 3000 से ज्यादा लोग मारे गए थे. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के धराशायी हो जाने के बाद उस जगह को ग्राउंड ज़ीरो के नाम से जाना जाने लगा. इस हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ दी और दुनिया भर में अभियान चलाया. इस भयानक आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. पर्ल हार्बर के बाद यह अमेरिका पर सबसे बड़ा हमला था.
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