7 करोड़ साल पुराना डायनासोर भ्रूण का रहस्य: क्या है इसके पीछे की कहानी?

Published : Feb 21, 2025, 02:52 PM IST
7 करोड़ साल पुराना डायनासोर भ्रूण का रहस्य: क्या है इसके पीछे की कहानी?

सार

मिसौरी में 7 करोड़ साल पुराने डायनासोर भ्रूण की खोज हुई है। यह अब तक के सबसे सुरक्षित भ्रूणों में से एक है और डायनासोर के इतिहास और पक्षियों से उनके संबंधों पर नया प्रकाश डाल सकता है।

अमेरिका के मिसौरी से धरती के जीवन का एक बेहद पुराना आविष्कार हुआ है. 7 करोड़ (70 मिलियन) साल पुराने एक डायनासोर भ्रूण का पता चला है. अब तक मिले सबसे अच्छे संरक्षित डायनासोर भ्रूणों में से एक है ये, ऐसा शोधकर्ताओं का कहना है.

यह नया आविष्कार डायनासोर के इतिहास और आधुनिक पक्षी प्रजातियों में उनके विकास पर अध्ययन करने में मदद करेगा, ऐसा शोधकर्ताओं ने बताया है. इससे पहले मिसौरी से कोई महत्वपूर्ण डायनासोर जीवाश्म नहीं मिला था. यह नई खोज के महत्व को बढ़ाता है. करोड़ों साल पहले यह क्षेत्र तटीय इलाका रहा होगा, ऐसा शोधकर्ताओं का अनुमान है. इसीलिए अंडा इतने समय तक सुरक्षित रूप से संरक्षित रहा होगा.

साथ ही, धरती के अवशेषों की परतों में मिलने के कारण, भ्रूण के वैसे ही बने रहने की संभावना है. इसलिए इसकी संरचना और इसके टूटने की संभावनाओं पर अध्ययन करने के लिए पेलियोन्टोलॉजिस्ट के पास ज़्यादा अवसर हैं, ऐसा रिपोर्ट्स में बताया गया है. अंडे के अंदर भ्रूण एक कुंडलीदार अवस्था में है. यह अंडे सेने से पहले अंडों में दिखने वाली 'टकिंग' अवस्था से मिलता-जुलता है.

कुछ डायनासोर के अंडे टूटने से पहले इसी तरह के तरीके दिखाते होंगे. यह डायनासोर और पक्षियों के बीच विकास संबंधी एक मज़बूत सबूत है, ऐसा शोधकर्ताओं का मानना है. साथ ही, इतने समय तक भ्रूण क्यों नहीं टूटा, इसका कारण शोधकर्ता खोज रहे हैं, ऐसा रिपोर्ट्स में बताया गया है.

पर्यावरण में बदलाव, शिकार या इसके प्राकृतिक टूटने को रोकने वाले किसी अन्य कारण से अंडा नहीं टूटा होगा, ऐसा शोधकर्ताओं का अनुमान है. अच्छी तरह से संरक्षित जीवाश्म अंडा मिलना करोड़ों में एक मौका है. क्योंकि अंडों के जीवाश्म बनने की संभावना कम होती है. नई खोज से प्राचीन धरती की जीव प्रजातियां और डायनासोर और पक्षियों के बीच विकास के बारे में नई बातें पता चलेंगी, इस उम्मीद में शोधकर्ता हैं.

इससे पहले 2021 में, संरक्षित जीवाश्म डायनासोर भ्रूण पहली बार मिला था. छह करोड़ साठ लाख साल पुराना यह भ्रूण दक्षिण चीन के गांझाउ में मिला था. इस भ्रूण का नाम 'यिंगलियांग बेबी' (बेबी यिंगलियांग) रखा गया है. बेबी यिंगलियांग आधुनिक पक्षियों से नज़दीकी संबंध रखने वाला एक प्रकार का पंखों वाला थेरोपोड है, ऐसा शोधकर्ताओं ने बताया है.

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