
काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल शुक्रवार को बम धमाके से दहल गई। एक स्कूल में हुए आत्मघाती हमले में करीब 100 बच्चों की मौत हो गई। स्थानीय पत्रकारों की रिपोर्ट्स के अनुसार मारे गए अधिकतर बच्चे हजारा और शिया समाज के थे। हजारा अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार धमाका काबुल के पश्चिमी हिस्से में स्थित दश्त-ए-बारची इलाके में स्थित काज एजुकेशन सेंटर में हुआ। स्थानीय पत्रकार बिलाल सलवरी ने ट्वीट किया कि 100 छात्रों के शव की अभी तक गिनती हुई है। मारे गए छात्रों की संख्या इससे अधिक है। क्लासरूम पूरी तरह से भरा हुआ था। छात्र विश्वविद्यालय की परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट दे रहे थे तभी धमका हुआ।
क्लासरूम में बिखर गए थे क्षत-विक्षत शव
काज एजुकेशन सेंटर के एक शिक्षक ने बताया कि धमाका इतना भयावह था कि क्लासरूम में मारे गए बच्चों के हाथ-पैर बिखर गए। हर तरफ क्षत-विक्षत शव थे। हमने अपने हाथों से बच्चों के हाथ-पैर इकट्ठा किए। फर्श खून से सन गया था। बता दें कि बम धमाके के बाद के कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं। इससे पहले भी पश्चिमी काबुल में स्थित दशत-ए-बारची में ISKP (Islamic State Khorasan Province) ने कई घातक हमला किया है। हजारा और शिया समाज के लोग इन आतंकी हमलों का निशाना रहे हैं।
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अमेरिका ने की निंदा
पुलिस प्रवक्ता खालिद जारदान ने कहा कि छात्र अपने परीक्षा की तैयारी कर रहे थे तभी आत्मघाती हमलावर एजुकेशन सेंटर घुस आया और उसने खुद को उड़ा दिया। अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन के प्रभारी करेन डेकर ने ट्वीट किया कि अमेरिका काज उच्च शिक्षा केंद्र पर हमले की कड़ी निंदा करता है। परीक्षा देने वाले छात्रों से भरे कमरे को निशाना बनाना शर्मनाक है।
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