
जिनेवा. हिजाब विरोधी कार्यकर्ता शापारक शाजारीजादेह ने इस्लामिक गणतंत्र में शुक्रवार को संसदीय चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया। एक समय माना जाता था कि कि शाजारीजादेह में परिवर्तन लाने का सामर्थ्य है लेकिन उन्होंने हाल में जो आह्वान किया है उससे उनकी निराशा झलकती है।
प्रदर्शन के दौरान हिजाब को परचम बनाकर लहराने पर किया गया था गिरफ्तार
महिला अधिकारों के लिए प्रदर्शन करने के दौरान शाजारीजादेह ने सार्वजनिक तौर पर कई बार हिजाब हटाया और उसे परचम बनाकर लहराया जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक सालाना सम्मेलन के दौरान जिनेवा में 44 वर्षीय शाजारीजादेह ने कहा, ‘‘ईरान के लोगों की उम्मीद टूट चुकी है। मैं उन लोगों में से थी जिन्होंने कुछ उम्मीद बांध रखी थी। लेकिन अब तो यह खराब और बेहद खराब में से चुनने जैसा है।’’
ईरान के लोग उम्मीद छोड़ चुके हैं- शाजारीजादेह
उन्होंने कहा कि ईरान के राजनीतिक विकल्प सुधारवादी और दकियानूसी नेता, ये दोनों ही जैसे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यहां हजारों सुधारवादी और मध्यमार्गी लोगों को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया जिसके बारे में आलोचकों का कहना है कि इससे तो जो विकल्प बचेगा वह रूढ़ीवादी और अति-रूढ़ीवादी के बीच होगा। उन्होंने कहा कि ईरान के लोग उम्मीद छोड़ चुके हैं खासकर ईंधन की कीमतों को लेकर पिछले वर्ष हुए प्रदर्शनों के बाद जिस तरह की कार्रवाई हुई, उसे देखते हुए।
ईरान के इस्लामिक परिधान के खिलाफ अभियान दिसंबर 2017 में शुरू हुआ था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)
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