एरियन-5 रॉकेट ने भारत के GSAT-24 उपग्रह को अंतरिक्ष में पहुंचाया, टेलीविजन देखने का अनुभव होगा और भी शानदार

एरियन-5 रॉकेट ने भारत के संचार उपग्रह GSAT-24 को अंतरिक्ष में स्थापित किया है। यह उपग्रह हाई क्वालिटी टेलीविजन, दूरसंचार और प्रसारण सेवाएं देगा। इससे दूरसंचार और उभरते क्षेत्रों जैसे डिजिटल सिनेमा, हाई-स्पीड बैकहॉल लिंक व बल्क डेटा ट्रांसफर जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2022 7:02 AM IST / Updated: Jun 23 2022, 12:43 PM IST

पेरिस। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियनस्पेस के एरियन-5 रॉकेट ने भारत के उपग्रह GSAT-24 को अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया है। इस उपग्रह से टेलीविजन देखने का अनुभव और भी शानदार होगा। यह केयू बैंड के चार टन क्लास का संचार उपग्रह (communications satellite) है। इसे इसरो (Indian Space Research Organization) ने न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के लिए बनाया है।

जीसैट-24 को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए एरियन-5 रॉकेट ने फ्रेंच गुयाना के कौरौ से उड़ान भरी और उपग्रह को भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (Geostationary transfer orbit) में स्थापित किया। इसके साथ ही MEASAT-3d उपग्रह को भी अंतरिक्ष में पहुंचाया गया है। यह एक मल्टी मिशन दूरसंचार उपग्रह है। इसे एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ने बनाया है।

NSIL करेगी व्यावसायिक इस्तेमाल 
GSAT-24 इसरो द्वारा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के लिए बनाया गया एक संचार उपग्रह है। यह पहला ऐसा उपग्रह है जिसे इसरो ने निजी कंपनियों की मांग के आधार पर बनाया है। NSIL इसका व्यावसायिक इस्तेमाल करेगी। कंपनियों को पैसे के बदले उपग्रह की सेवाएं दी जाएंगी। यह उपग्रह हाई क्वालिटी टेलीविजन, दूरसंचार और प्रसारण सेवाएं देगा। यह भारतीय ग्राहकों की डीटीएच जरूरतों को पूरा करेगा।

ब्रॉडबैंड कवरेज में सुधार होगा
एरियान -5 ने इस साल के अपने पहले मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए स्थानीय समयानुसार शाम 06:50 बजे गुयाना स्पेस सेंटर से उड़ान भरी। यह रॉकेट का कुल मिलाकर 113वां उड़ान था। एरियनस्पेस ने कहा कि लॉन्च से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ब्रॉडबैंड कवरेज में सुधार होगा। NSIL ने कहा कि GSAT-24 के एक बार चालू होने के बाद एक ही स्पेक्ट्रम के भीतर और अधिक DTH चैनल प्रदान किया जा सकेगा। इससे अधिक HD चैनल दिखाया जा सकेगा।

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इस उपग्रह से दूर-दराज के इलाकों में शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। क्लास कनेक्टिविटी के लिए उपग्रह आधारित इंटरैक्टिव शिक्षा सेवाओं में भी सुधार किया जाएगा। उपग्रह से दूरसंचार और उभरते क्षेत्रों जैसे डिजिटल सिनेमा, हाई-स्पीड बैकहॉल लिंक और बल्क डेटा ट्रांसफर जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

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