
वर्ल्ड न्यूज डेस्क.पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून, 2020 में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के हाथों चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। चीन ने कभी इस बात का खुलासा नहीं किया, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अखबार 'द क्लैक्सन' ने करीब डेढ़ साल की रिसर्च के बाद यह खोजी रपट प्रकाशित की है। इस रिसर्च रिपोर्ट ने ड्रैगन के सभी प्रोपेगैंडा को बेनकाब कर दिया है। बता दें कि चीन इस समय बीजिंग विंटर ओलंपिक ओलंपिक (Beijing Winter Olympics)को लेकर भी विवादों में घिरा हुआ है।
गलवान नदी में बह गए थे चीन के कई सिपाही
'द क्लैक्सन' के इस खुलासे के बाद चीन की असलियत सामने आ गई है कि वो किस तरह से अपने सैनिकों की मौत को लेकर भी झूठ बोलता है। इस रिपोर्ट के अनुसार चीन ने हताहतों की संख्या 9 गुना कम बताई थी। जबकि भारत पहले से ही दावा करता रहा था कि गलवान हिंसा में चीन के करीब 40 सैनिक मारे गए हैं। यह रिपोर्ट इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम के जरिये तैयार कराई गई। यह रिपोर्ट 'गलवान डिकोडेड' शीर्षक से जारी की गई है। एंथनी क्लान की अगुआई वाली इस स्पेशल रिपोर्ट में बताया गया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के कई सिपाही झगड़े के दौरान रात गलवान नदी में बह गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक 15-16 जून की रात को जीरो डिग्री तापमान में गलवान नदी में कई PLA सैनिक डूबकर मर गए थे।
चीन ने ऐसे की हेरफेर
इस रिपोर्ट में चीन के झूठ को भी उजागर किया गया। चीन ने गलवान घाटी हिंसा में अपनी फजीहत से बचने दो अलग-अलग घटनाओं के आंकड़े जोड़ दिए। पिछले साल चीन ने झड़प में मारे गए चार सैनिकों को मेडल देने की घोषणा की थी। इस रिपोर्ट में चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के कई यूजर्स के ब्लॉग के आधार पर दावा किया गया कि करीब 38 चीनी सैनिक नदी में बह गए थे। हालांकि चीनी अधिकारियों ने इन सभी सोशल मीडिया पोस्ट को हटा दिया था। मरने वालों में जूनियर सार्जेंट वांग झुओरान को चीन ने मेडल देने की घोषणा की है।
चीन ने झगड़े के लिए उकसाया
रिपोर्ट का दावा है कि गलवान हिंसा के लिए चीन दोषी है। अप्रैल 2020 में चीनी सेना ने गलवान घाटी में निर्माण कार्य तेज कर दिए थे। 15 जून को एक अस्थाई पुल को लेकर लड़ाई हुई थी। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मई 2020 की शुरुआत में तिब्बत में पैंगोंग झील के पास भी झड़प हुई थी।
Winter Olympics में PLA कमांडर को चीन ने बनाया मशाल वाहक
4-20 फरवरी के बीच आयोजित बीजिंग विंटर ओलंपिक ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) से जुड़े विवादों में एक नया अध्याय शामिल हो गया है। इस आयोजन को राजनीति से दूर रखने का वादा चीन निभाने में नाकाम रहा है। इस आयोजन का एक मशालची(torchbearer) उस सैन्य अधिकारी को भी बनाया गया, जो गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह घायल हुआ था। क्लिक करके पढ़ें
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