Bangladesh elections 2026: बांग्लादेश में अप्रैल में होंगे आम चुनाव, भारी दबाव में मुहम्मद यूनुस ने किया ऐलान

Published : Jun 06, 2025, 08:20 PM ISTUpdated : Jun 06, 2025, 08:23 PM IST
Chief Adviser of the Interim Government of Bangladesh, Muhammad Yunus with Prime Minister Narendra Modi (Image: X@ChiefAdviserGoB)

सार

Bangladesh elections 2026: बांग्लादेश में अप्रैल 2026 में होंगे राष्ट्रीय चुनाव। अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस ने किया ऐलान, चुनाव आयोग जल्द जारी करेगा विस्तृत रोडमैप। शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद राजनीतिक अस्थिरता के बीच हुआ ऐलान।

Bangladesh elections 2026: बांग्लादेश में अगले साल अप्रैल 2026 में आम चुनाव (General Elections) कराए जाएंगे। यह घोषणा देश के अंतरिम नेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने शुक्रवार को की। यूनुस ने कहा कि चुनाव आयोग उचित समय पर चुनावों के लिए विस्तृत रोडमैप उपलब्ध कराएगा। हम बांग्लादेश को शांति और चुनाव की ओर ले जाएंगे। यहां कोई सत्ता की लड़ाई नहीं, केवल लोगों का विश्वास है।

शेख हसीना की विदाई के बाद पहला बड़ा ऐलान

यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब पिछली प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को पिछले साल सत्ता से बेदखल किया गया था और उन्हें देश छोड़ना पड़ा था। तब से देश में राजनीतिक अनिश्चितता और सत्तांतर की बहस तेज़ बनी हुई है।

शेख हसीना की सत्ता से विदाई: क्या हुआ था? 

  • जुलाई 2024 में राजनीतिक विरोध, भ्रष्टाचार के आरोप और मानवाधिकार उल्लंघनों के चलते बांग्लादेश में भारी जनाक्रोश पनपा।
  • सुरक्षा बलों और विपक्षी दलों के बीच टकराव बढ़ते गए, जिससे राजधानी ढाका समेत कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए।
  • संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के दबाव में, अंततः सेना ने हस्तक्षेप किया और हसीना को देश छोड़ना पड़ा।

अंतरिम सरकार पर बढ़ रहा था दबाव

बांग्लादेश में विपक्षी दलों, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और आम जनता की ओर से नए चुनावों की मांग लगातार बढ़ रही थी। मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने का अंतरराष्ट्रीय दबाव भी था।

यूनुस की भूमिका पर अंतरराष्ट्रीय नजरें

नोबेल पुरस्कार विजेता और ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस की अंतरिम नेतृत्व में भूमिका को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया रही है। उन्हें साफ-सुथरी छवि और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध मानते हुए अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया था लेकिन राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो वह इन मूल्यों पर खरा उतरने में विफल रहे हैं। उधर, शेख हसीना की बांग्लादेश अवामी लीग को सत्ता से बाहर करने के बाद कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन और अस्थिरता देखी गई। हालांकि, विपक्षी गठबंधन अब एक मजबूत चुनावी रणनीति पर काम कर रहा है। जबकि अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक इस चुनाव को बांग्लादेश की लोकतांत्रिक साख की अग्निपरीक्षा मान रहे हैं।

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

बैटरी से निकली चिंगारी ने ली 20 जान, एक प्रेगनेंट महिला भी शामिल- देखें इंडोनेशिया आग का VIDEO
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा से खुश क्यों है अमेरिका और चीन? जानें सबसे बड़ी वजह