
दुबई. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने नागरिकता कानून और एनआरसी को भारत का आंतरिक मसला बताया। हालांकि, उन्होंने इसे गैर जरूरी बताया।
उन्होंने गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, हमें नहीं पता कि भारत सरकार इसे क्यों लाई। यह गैर जरूरी था। उनका यह बयान बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था। हालांकि, बाद में उन्होंने भी इसे गैरजरूरी करार दिया था।
क्या है नागरिकता कानून?
भारत में पिछले साल के आखिरी में नागरिकता कानून पास हुआ था, इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले प्रताड़ित हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
इस कानून के विरोध में भारत के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, प बंगाल, असम, दिल्ली में कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी देखने को भी मिले।
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