Bangladesh on Hindu Attacks: दक्षिण एशिया में भारत-बांग्लादेश संबंध फिर चर्चा में हैं। इस बार मुद्दा हिंदुओं की सुरक्षा का है। भारत की ओर से जताई गई चिंता पर ढाका ने कहा, हालिया घटनाएं छिटपुट आपराधिक मामले हैं, न कि किसी तरह का सिस्टमेटिक उत्पीड़न।
बांग्लादेश में हिंदुओं को लेकर भारत ने क्यों जताई चिंता?
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हो रही हिंसा को लेकर गहरी चिंता जाहिर की थी। MEA ने इसे अस्वीकार्य बताया और उम्मीद जताई कि दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। खासतौर से 18 दिसंबर को मयमनसिंह में 27 साल के हिंदू गारमेंट वर्कर दीपु चंद्र दास की लिंचिंग का भारत ने कड़ा संज्ञान लिया। इसके अलावा, राजबाड़ी जिले में एक अन्य हिंदू पर घातक हमले का भी जिक्र किया गया। भारत ने कहा कि हाल के महीनों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हजारों हिंसक घटनाओं जैसे हत्या, आगजनी और जमीन हड़पने जैसी घटनाएं देखी गई हैं।
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बांग्लादेश ने भारत की चिंता पर क्या कहा?
जवाब में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस बयान जारी कर भारत की टिप्पणियों को तथ्यों से परे और बढ़ा-चढ़ाकर बताने वाला बताया। ढाका ने कहा कि भारत की ओर से दिए गए बयान जमीनी हकीकत को नहीं दर्शाते और गलत नैरेटिव पर आधारित हैं। बांग्लादेश ने कहा कि उसके देश की पहचान सांप्रदायिक सौहार्द की लंबी परंपरा से रही है और किसी भी तरह की गलत, प्रेरित या मिसलीडिंग कहानी को वह सिरे से खारिज करता है।
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हिंदुओं पर हमले की छिटपुट घटनाएं- बांग्लादेश
ढाका का आरोप है कि कुछ सिस्टमेटिक प्रयासों के तहत अलग-अलग आपराधिक घटनाओं को व्यापक अल्पसंख्यक उत्पीड़न के रूप में पेश किया जा रहा है। बांग्लादेश ने कहा कि इस तरह के नैरेटिव को चुनिंदा ढंग से उछाला जा रहा है, जिससे न सिर्फ देश की छवि खराब हो, बल्कि भारत में उसके लोगों और कूटनीतिक मिशनों के खिलाफ भी दुश्मनी भड़काई जा सके।
भारत की ओर से उठाए गए एक मामले पर बांग्लादेश ने अलग तथ्य रखे। ढाका के अनुसार, जिस व्यक्ति का जिक्र किया गया, वह लिस्टेड अपराधी था और कथित तौर पर एक मुस्लिम सहयोगी के साथ उगाही करते समय मारा गया। बाद में उस सहयोगी को गिरफ्तार भी किया गया। बांग्लादेश का कहना है कि इस घटना को अल्पसंख्यक उत्पीड़न के चश्मे से देखना भ्रामक और तथ्यहीन है।
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भारत-बांग्लादेश के रिश्तों पर असर?
बांग्लादेश ने भारत के स्टेकहोल्डर्स से अपील की कि वे भ्रामक नैरेटिव फैलाने से बचें, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच अच्छे पड़ोसी संबंध और आपसी भरोसा कमजोर हो सकता है। ढाका ने संकेत दिया कि ऐसे बयान द्विपक्षीय संबंधों में अनावश्यक तनाव पैदा कर सकते हैं।
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