
Bangladesh Women Assault Viral Videos: बांग्लादेश एक बार फिर गंभीर अशांति के दौर से गुजर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दो वीडियो ने देश में महिलाओं की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता और कानून-व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। इन वीडियो में महिलाओं पर कथित रूप से भीड़ द्वारा किए गए हमलों के दावे किए जा रहे हैं, जिन्हें हाल के राजनीतिक उथल-पुथल से जोड़कर देखा जा रहा है। वायरल वीडियो के मुताबिक, ये हमले बुर्का और हिजाब न पहनने के कारण हुए हैं।
एक वीडियो में दावा किया गया है कि एक ईसाई महिला पर इसलिए हमला किया गया, क्योंकि उसने पश्चिमी कपड़े पहने थे और बुर्का या हिजाब नहीं पहना था। वहीं, दूसरे वायरल वीडियो में आरोप है कि दो मुस्लिम महिलाओं को केवल इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने बुर्का और हिजाब नहीं पहना था। इन दावों की फिलहाल बांग्लादेशी अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर बहस तेज हो चुकी है।
बांग्लादेश में हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब युवा नेता और ‘इंकिलाब मंच’ के आयोजक शरीफ उस्मान हादी (Osman Hadi) की हत्या कर दी गई। 12 दिसंबर को ढाका में नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मारी थी। गंभीर हालत में उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई। उस्मान हादी, 2024 स्टूडेंट अपराज़िंग मूवमेंट से जुड़े हुए थे और युवाओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती थी। उनकी मौत के बाद ढाका समेत कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं, मीडिया दफ्तरों और राजनीतिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया।
इसी अशांत माहौल के बीच महिलाओं पर कथित हमलों के वीडियो सामने आना स्थिति को और संवेदनशील बना रहा है। सोशल मीडिया यूज़र्स इन घटनाओं को देश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और कट्टर सोच के बढ़ते असर से जोड़कर देख रहे हैं। जानकारों का कहना है कि चाहे ये वीडियो सत्य हों या भ्रामक, लेकिन ऐसे दावे डर और असुरक्षा का माहौल जरूर पैदा करते हैं। महिलाओं की आजादी, पहनावे की पसंद और धार्मिक पहचान को लेकर हिंसा के आरोप बांग्लादेश की छवि पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उस्मान हादी की हत्या को पहले से ही प्लान्ड साजिश बताया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया है। जानकारी देने वालों के लिए नकद इनाम की भी घोषणा की गई है। हालांकि, महिलाओं पर कथित हमलों को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। कई इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ाई गई है, लेकिन ज़मीनी हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
इन वायरल दावों के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक असहिष्णुता का बढ़ता संकेत बता रहे हैं, तो कुछ इसे अराजक माहौल में फैलाया गया भ्रामक प्रचार भी कह रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बांग्लादेश में महिलाओं की सुरक्षा और नागरिक अधिकारों को लेकर चिंता जताई जा रही है।
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