
नई दिल्ली. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जून में G-7 समिट में हिस्सा लेने के लिए न्योता भेजा है। इस दौरान पीएम मोदी सांझा चुनौतियों, कोरोना वायरस, क्लाइमेट चेंज, ओपन ट्रेड, तकनीकी बदलाव और वैज्ञानिक खोज पर विचार रखेंगे।
जून में होने वाले इस समिट में भारत के अलावा ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया को भी समिट के लिए न्योता भेजा है। इस समिट में दुनिया के सात प्रमुख देशों के नेता कोरोना वायरस संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
क्या है जी-7?
जी-7 दुनिया की 7 सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। इस समिट की पहली बैठक 1975 में हुई थी। बाद में इसमें कनाडा शामिल हो गया।
क्या कहा ब्रिटेन के पीएम में?
ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन की ओर से बयान जारी कर कहा गया, दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत पहले से ही दुनिया के 50 फीसदी से ज्यादा वैक्सीन की आपूर्ति करता है। भारत और ब्रिटेन ने कोरोना महामारी के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने कहा, जी-7 सम्मेलन से पहले वो भारत का दौरा करेंगे। दरअसल, गणतंत्र दिवस समारोह के लिए ब्रिटेन के पीएम को आमंत्रित किया गया था। लेकिन कोरोना के चलते उनका दौरा रद्द हो गया।
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