कौन बनेगा ब्रिटेन का पीएम? ऋषि सुनक के अलावा रेस में पांच और दावेदार, ये हैं टॉप-6 कैंडिडेट्स

प्रधानमंत्री बनने के बाद लगातार विवादों से घिरे रहे ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को आखिरकार विवादों की वजह से पद छोड़ना पड़ा। सेक्स स्कैंडल में फंसे व्यक्ति को डिप्टी चीफ व्हिप बनाकर जॉनसन ने दर्जनों नेताओं को नाराज कर दिया और यह फैसला उनके करियर को तबाह करने वाला साबित हुआ। 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 7, 2022 2:00 PM IST / Updated: Jul 07 2022, 07:41 PM IST

लंदन। ब्रिटेन का पीएम (Britain New PM) बनने के बाद लगातार आरोपों व विवादों में रहे बोरिस जॉनसन के खिलाफ बढ़े असंतोष से उनको पीछे हटना पड़ा। जॉनसन के प्रति पार्टी में ही असंतोष काफी बढ़ गया था लेकिन सेक्स स्कैंडल में फंसे एक सांसद क्रिस पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप बनाए जाने के बाद 50 से अधिक सांसदों व मंत्रियों ने बोरिस जॉनसन पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दे दिया। बड़ी संख्या में इस्तीफा के बाद जॉनसन को पद छोड़ने का ऐलान करना पड़ा। जॉनसन के ऐलान के बाद अब ब्रिटेन को नया प्रधानमंत्री मिलना तकरीबन तय है। यूके के नए प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने वालों की दौड़ में भारतीय मूल के ऋषि सुनक के अलावा पांच और दावेदार हैं जो प्राइम मिनिस्टर बन सकते हैं। आईए जानते हैं उन सभी संभावित चेहरों के बारे में...

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भारतीय मूल के ऋषि सुनक रेस में टॉप पर

बोरिस जॉनसन के बाद कौन होगा ब्रिटेन का अगला पीएम? दरअसल, इस सवाल के जवाब में ब्रिटिशर्स सबसे अधिक फिट भारतीय मूल के ऋषि सुनक को मान रहे हैं। सुनक जॉनसन के इलेक्शन कैंम्पेन में सबसे अहम रोल में रहे हैं। प्रेस ब्रीफिंग में भी सरकार के चेहरे के तौर पर ज्यादातर वही नजर आते रहे। बोरिस जॉनसन को डिफेंड करने या कई ऐसे मौकों पर जहां टीवी डिबेट में जॉनसन को रहना चाहिए, सुनक देखे गए हैं। विपक्षी लेबर पार्टी, सुनक की सबसे अधिक मौजूदगी पर लगातार सवाल उठाती रही, वह यह सवाल करते रहे कि ब्रिटेन में पीएम सुनक हैं या जॉनसन। ऐसे में माना जा रहा है कि ब्रिटिश पीएम के रूप में ऋषि सुनक के नाम पर मुहर लग सकती है।

लिज ट्रस भी मजबूत दावेदार

लिज ट्रस के नाम से मशहूर 46 साल की एलिजाबेथ मैरी ट्रस भी ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री बन सकती हैं। पीएम बनने की दौड़ में लिज ट्रस भी आगे निकलने की होड़ में हैं। लिज फॉरेन कॉमन वेल्थ एंड डेवलपमेंट अफेयर्स सेक्रेटरी हैं। लोकप्रियता के मामले में लिज ट्रस की कोई सानी नहीं है। ट्रस दो साल इंटरनेशनल ट्रेड सेक्रेटरी भी रहीं। बीते साल लिज ट्रस को यूरोपियन यूनिसन से बातचीत का अहम जिम्मा सौंपा गया था।

बेदाग छवि वाले जेरेमी हंट पर भी विचार संभव

फॉरेन सेक्रेटरी रह चुके जेरेमी हंट भी ब्रिटेन में पीएम बनने की रेस में शामिल हैं। 55 साल के जेरेमी हंट 2019 के चुनाव में दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे थे। हंट बेदाग छवि वाले नेता माने जाते हैं। कंजरवेटिव्स का मानना है कि जेरेमी हंट बिना किसी विवाद के पूरी गंभीरता के साथ सरकार चलाएंगे। हंट और जॉनसन की नीतियां एक दूसरे की विरोधी रही हैं। हंट लगातार जॉनसन की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। यूके और अमेरिका के बीच रिश्तों को लेकर जॉनसन नीति पर हंट ने साफ कहा था कि हमें बराबरी का दर्जा चाहिए।

नदीम जाहवी

पार्टीगेट के अलावा अपनी पत्नी के टैक्स देने के मामले में आलोचना के शिकार हुए ऋषि सुनक ने जब मंत्री पद से इस्तीफा दिया था तो बोरिस जॉनसन ने नादिम जाहवी को नया फाइनेंस मिनिस्टर बनाया था। अगर जाहवी, प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह एक ईराकी मूल के पीएम होंगे। दरअसल, नदीम बचपन में ईराक से बतौर शरणार्थी ब्रिटेन आए थे। 2010 में वे पहली बार सांसद बने। जाहवी ने हाल ही में कहा था- अगर मुझे ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना जाता है, तो ये मेरी खुशनसीबी होगी।

हंट की समर्थक रहीं पेनी मॉर्डेंट

पेनी मॉर्डेंट ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्टर रह चुकी हैं। वह पीएम की रेस में शामिल हैं। पेनी, जेरेमी हंट की समर्थक मानी जाती हैं। पिछले चुनावों में हंट का समर्थन करने पर जॉनसन ने उनको सरकार से हटा दिया था। वह, यूरोपियन यूनियन को छोड़ने का समर्थन करने वालों में शामिल रहीं। दरअसल, जब ब्रिटेन में यूरोप यूनियन छोड़ने का मुद्दा गर्माया हुआ था, तो पेनी इस मुद्दे के समर्थन में थीं। उन्होंने एक ईवनिंग टीवी शो में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के समर्थन में बात रखी थी। 

बेन वॉलेस

ब्रिटिश रॉयल आर्मी में रह चुके बेन वॉलेस भी पीएम पद की रेस में हैं। बेन वॉलेस, जॉनसन सरकार में डिफेंस मिनिस्टर हैं। रूस-यूक्रेन जंग में ब्रिटेन के रुख को लेकर चर्चा में आए। यूक्रेन को सैन्य मदद पहुंचाने में उनका अहम रोल है। 1999 में उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। 2005 में संसद पहुंचे। 2016 में बेन होम सिक्योरिटी मिनिस्टर थे। अफगानिस्तान से ब्रिटिश नागरिकों को बाहर निकालने में उनका अहम योगदान था।

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