रूस से तेल आयात को लेकर बंटा ईयू: ब्रिटेन ने लिया इस शर्त को पूरा करते ही प्रतिबंध हटाने का निर्णय

Published : Mar 27, 2022, 06:05 AM IST
रूस से तेल आयात को लेकर बंटा ईयू: ब्रिटेन ने लिया इस शर्त को पूरा करते ही प्रतिबंध हटाने का निर्णय

सार

यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर दबाव बनाने के लिए ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए। हालांकि, इन प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला जारी रखा है और लगातार मिसाइल से टारगेट किए हुए है। 

लंदन। ब्रिटेन ने रूसी सेना के यूक्रेन से हटाने की स्थिति पर बड़ा ऐलान किया है। ब्रिटेन सरकार ने रूस से प्रतिबंध हटाने को कई शर्तें लागू की है। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज़ ट्रस का कहना है कि यदि रूस यूक्रेन से हटता है और आक्रामकता को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, तो रूसी व्यक्तियों और कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए जा सकते हैं। ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूसी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। 

यूक्रेन को लेकर रूस का तर्क

ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी राष्ट्र रूसी अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों को लागू किए हैं। यूक्रेन पर हमला करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दंडित करने के लिए लगाए गए इन प्रतिबंधों को लगातार बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, रूस ने हमले को यूक्रेन के विसैन्यीकरण करने के लिए एक विशेष सैन्य अभियान बता रहा हैं।

हम कर सकत हैं समाप्त प्रतिबंध

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ट्रस ने कहा कि हम जो जानते हैं वह यह है कि रूस ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनका वे पालन नहीं करते हैं। इसलिए कठोर उपाय की जरूरत है। बेशक, प्रतिबंध एक कठिन उपाय हैं। उन प्रतिबंधों को केवल पूर्ण युद्धविराम और वापसी के साथ ही समाप्त किया जाना चाहिए, लेकिन यह प्रतिबद्धता भी है कि आगे कोई आक्रमण नहीं होगा। और साथ ही, भविष्य में और आक्रामकता होने पर स्नैपबैक प्रतिबंध लगाने का अवसर है। 

500 बिलियन पाउंड से अधिक का प्रतिबंध

ब्रिटिश सरकार का कहना है कि उसने अब तक 500 बिलियन पाउंड (658.65 बिलियन डॉलर) की कुल संपत्ति वाले बैंकों और 150 बिलियन पाउंड से अधिक की कुल संपत्ति वाले कुलीन वर्ग और परिवार के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

संकट ने ब्रिटेन और ईयू को साथ लाया

ट्रस ने यह भी सुझाव दिया कि संकट ने ब्रिटेन और यूरोपीय संघ को करीब ला दिया था क्योंकि ब्रेक्सिट के मद्देनजर संबंध बुरी तरह से तनावपूर्ण हो गए थे। इस संकट के बारे में मैं जो एक बिंदु रखूंगी, वह यह है कि हमने यूरोपीय संघ के साथ बहुत निकटता से काम किया है।

उन्होंने कहा कि बेशक, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनके साथ हमारे यूरोपीय संघ के साथ मतभेद हैं। लेकिन मूल रूप से, हम सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं, हम सभी स्वतंत्रता और लोगों के अपनी सरकारें चुनने के अधिकार में विश्वास करते हैं और हम लड़ाई में बहुत एकजुट हैं ।

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