Rafale fighter jets: चीन की चाल बेनकाब, जानें क्यों ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल को किया बदनाम

Published : Jul 07, 2025, 10:43 AM ISTUpdated : Jul 07, 2025, 10:50 AM IST
Rafale fighter jets

सार

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में राफेल की कामयाबी से बौखलाया चीन, फाइटर जेट के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चला रहा है। पाकिस्तान के झूठे दावों के बीच चीन ने राफेल की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की।

Rafale fighter jets: मई में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में आतंक के अड्डों को तबाह करना हो या पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमला, राफेल लड़ाकू विमानों ने अहम रोल निभाया। चीन इससे तिलमिला गया। उसने ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल फाइटर जेट के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने के लिए अभियान चलाया। इसके लिए अपने दूतावासों का इस्तेमाल किया। न्यूज एजेंसी AP ने फ्रांस के सैन्य और खुफिया अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।

एक फ्रेंच सैन्य अधिकारी ने बताया कि चीन ने राफेल की प्रतिष्ठा खराब करने की कोशिश की। उसने खासकर ऐसे देशों को राफेल के बारे में गलत जानकारी दी जिन्होंने राफेल के लिए ऑर्डर दिया है या राफेल खरीदने में रुची ले रहे हैं। चीन ने राफेल के जगह चीनी लड़ाकू विमान खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया।

ये बातें चीन के सहयोगी पाकिस्तान द्वारा राफेल को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावा करने के बाद सामने आईं हैं। पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने भारत के साथ चार दिन चले संघर्ष के दौरान तीन राफेल विमान गिराए। हालांकि, राफेल जेट बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पाकिस्तान के दावे को "गलत" बताया है।

हाल ही में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पहली बार माना कि पाकिस्तान के साथ लड़ाई के दौरान भारत के लड़ाकू विमान गिरे थे। हालांकि, उन्होंने राफेल को मार गिराने के पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि वे "बिल्कुल गलत" हैं।

चीन ने कहा- भारत में राफेल विमानों ने ठीक तरह प्रदर्शन नहीं किया

AP की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस को खुफिया जानकारी मिली है कि चीनी दूतावास के डिफेंस अटैचे ने दूसरे देशों के अधिकारियों से कहा कि भारतीय वायु सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे राफेल विमानों ने खराब प्रदर्शन किया। चीन ने राफेल खरीदने के लिए ऑर्डर देने वाले देशों से कहा कि वे इसके बदले चीनी हथियार लें।

फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी ने बताया कि डिफेंस अटैचियों ने अपनी लॉबिंग उन देशों पर केंद्रित की है, जिन्होंने राफेल का ऑर्डर दिया है या जो देश इसे खरीदने पर विचार कर रहे हैं। फ्रांसीसी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि दुष्प्रचार अभियान में सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट, राफेल के मलबे को दिखाने वाली छेड़छाड़ की गई तस्वीरें, एआई-जनरेटेड कंटेंट और वीडियो गेम की तस्वीरें शामिल थी।

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