
बीजिंग. अमेरिका और चीन के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब चीन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के 2 एडवांस जासूसी विमानों ने पिछले दिनों उसकी सीमा में घुसकर मिलिट्री ड्रिल रिकॉर्ड की है। घटना उत्तरी चीन में हुई। इससे पहले जुलाई में अमेरिका के एक जासूसी और एक फाइटर जेट ने चीन के झेजियांग और फुजियान तक उड़ान भरी थी।
अमेरिका के विमान उत्तरी चीन में किस जगह थे, यह जानकारी नहीं दी गई। वहीं, अमेरिका ने भी चीन के आरोपों का खंडन नहीं किया। हालांकि, अमेरिका ने कहा, उसने कोई नियम नहीं तोड़ा।
सेना के अभ्यास की जासूसी करने का लगा आरोप
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वु क्विन ने आरोप लगाया कि अमेरिकी नेवी के दो यू-2 एयरक्राफ्ट ने उत्तरी इलाके में हमारी सेना के अभ्यास की जासूसी की। इससे हमारी ट्रेनिंग पर असर हुआ। चीन ने इसे दोनों देशों के बीच किए गए समझौते का उल्लंघन बताया। चीनी मीडिया ने कहा, अमेरिका की यह हरकत बेहद खतरनाक थी। अगर अमेरिका चीन के इलाके में घुसेगा तो दोनों देशों में सैन्य झड़प हो सकती थी।
हमने अपनी हद में यहकर काम किया
अमेरिका ने कहा, हमने अपनी हद में रहकर काम किया। किसी नियम को नहीं तोड़ा। हिंद महासागर में हमारे ऑपरेशन पहले भी होते थे और आगे भी होते रहेंगे। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका के विमान 2 घंटे तक चीन में मंडराते रहे। पूरा अभ्यास कैप्चर किया। इसके बाद विमान लौट भी आए। लेकिन चीन की सेना को भनक तक नहीं लगी। बाद में उन्हें इमेजरी के जरिए घटना की जानकारी हुई।
70 हजार फीट ऊंचाई से रख सकते हैं नजर
अमेरिका के यू-2 जासूसी विमान काफी पुराने हैं। हालांकि, इन्हें अपग्रेड किया जाता रहा है। ये विमान 70 हजार फीट की ऊंचाई से भी दुश्मन की हरकत पर नजर रख सकते हैं। फोटो खींच सकते हैं। इन्हें एंटी मिसाइलें भी छू नहीं सकती।
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