हर साल 4 मई कोल माइनर्स डे मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन को कोयला श्रमिकों के सम्मान में मनाया जाता है। बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका में कोयला श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी, जिसमें कई श्रमिक शामिल हुए थे।
नई दिल्ली। कोल माइनर्स डे (Coal Miners Day 2022) हर साल 4 मई को मनाया जाता है। इस दिन को 1760 से लेकर 1840 के बीच हुई औद्योगिक क्रांति के नायकों की याद में मनाया जाता है। खासकर उस दौर के कोयला खनिकों (Coal Miners) की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए इस दिन को पूरी दुनिया में सेलिब्रेट किया जाता है। बता दें कि 1919 में यूनाइटेड माइन वर्कर्स ने कोयला खनिकों की सैलरी बढ़ाने के लिए एक महीने से भी ज्यादा समय के लिए हड़ताल की थी। ये हड़ताल 1 नवंबर से 10 दिसंबर, 1919 तक चली थी।
इनके नेतृत्व में हुई थी 1919 की हड़ताल :
जॉन एल लुइस के नेतृत्व में यूनाइटेड माइन वर्कर्स ने 1 नवंबर, 1919 को हड़ताल का ऐलान किया। लुइस फर्स्ट वर्ल्डवार के आखिर तक चलने वाले एक मजदूरी समझौते के लिए सहमत हुए थे। इसी बीच अटॉर्नी जनरल मिशेल पामर ने लीवर एक्टर लागू कर दिया। यह एक ऐसा एक्टर था, जिसमें जरूरी वस्तुओं के प्रोडक्शन या ट्रांसपोर्टेशन में करने को एक तरह का क्राइम बना दिया गया था। इसके बाद 1 नवंबर, 1919 से 4 लाख कोयला श्रमिक हड़ताल पर चले गए। 2 नवंबर, 1919 को ग्रेट फॉल्स डेली ट्रिब्यून ने छापा कि कोयला उद्योग के 6 लाख 15 हजार वर्कर्स में से करीब 4 लाख वर्कर्स हड़ताल पर चले गए।
फिर ऐसे हुआ समझौता :
1 नवंबर, 1919 से शुरू हुई हड़ताल जैसे ही तीसरे हफ्ते तक पहुंची तो कोयले की आपूर्ति कम होने लगी, जिससे देशभर में समस्या खड़ी हो गई। इसके बाद 10 दिसंबर को अंतिम समझौता हुआ, जिसके तहत कोयला श्रमिकों की 14 प्रतिशत वेतन वृद्धि के लिए एक आयोग गठित किया गया। इस समझौते पर जॉन एल लुइस, जॉन ब्रॉफी और दूसरे अफसरों ने साइन किए। इसके साथ ही कोयला खनिक दोबारा काम पर लौटे।
इन राज्यों में हुई थी कोयला श्रमिकों की हड़ताल :
कोयला श्रमिकों की हड़ताल अमेरिका के कई राज्यों में हुई थी। इनमें अर्कांसास, कोलाराडो, इलिनॉइस, इंडियाना, आयोवा, कंसास, केंचुकी, मैरीलैंड, मिशिगन, मिसौरी, मोंटाना, न्यू मेक्सिको, ओहायो, ओकलाहोमा, पेंसिल्वेनिया, टेनेसी, टेक्सास, ऊटा, वॉशिंगटन, वेस्ट वर्जीनिया और व्योमिंग शामिल थे।
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