
Donald Trump Tariffs vs BRICS: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने BRICS गुट पर एक बार फिर हमला बोला है। इस बार उन्होंने उन सभी देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है जो कथित तौर पर Anti-American policies अपना रहे हैं। Truth Social पर ट्रंप ने लिखा कि इस बार कोई अपवाद नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये 'Anti-American policies' क्या हैं। छह महीने पहले ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर BRICS देशों ने डॉलर (US Dollar) को इंटरनेशनल ट्रेड से हटाने की कोशिश की, तो उन्हें 100% टैरिफ झेलना होगा। दरअसल, ट्रंप की नई टैरिफ ग्लोबल वर्ल्ड में डॉलर के कम होते वर्चस्व की बौखलाहट की एक झलक भी है। BRICS देशों का नई करेंसी को लेकर पहल ने दुनिया में वर्चस्व की एक नई जंग छेड़ दी है। एक तरफ अमेरिका सहित कुछ पश्चिमी देश हैं तो दूसरी ओर नया उभरता गुट BRICS है।
BRICS के साझा लक्ष्य में एक अहम एजेंडा है: डॉलर वर्चस्व को चुनौती देना और इंटरनल ट्रेड के लिए वैकल्पिक मुद्रा (Alternative Currency) खड़ी करना। लूला दा सिल्वा के मुताबिक, इस दिशा में step-by-step प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
BRICS देशों ने अपने बीच व्यापार के लिए लोकल पेमेंट सिस्टम विकसित करने और डॉलर पर निर्भरता कम करने पर काम तेज कर दिया है। इससे अमेरिका की वित्तीय पकड़ कमजोर होने का खतरा पैदा हो गया है।
अब जब ईरान BRICS का पूर्ण सदस्य बन चुका है तो समिट में अमेरिकी बमबारी और इस्राइली हमलों की भी चर्चा हुई। BRICS ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज़ पर हमले को इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन बताया। हालांकि, अमेरिका या इस्राइल का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया।
BRICS देशों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की भी कड़ी निंदा की। यह भारत के लिए एक अहम कूटनीतिक समर्थन है।
क्योंकि BRICS धीरे-धीरे Global South (विकसित और विकासशील देशों) की आवाज़ बनता जा रहा है। अमेरिका और यूरोप के पारंपरिक दबदबे को सीधी चुनौती मिल रही है।
BRICS गुट में शामिल होने की होड़ मची हुई है। 2024 में मिस्र, UAE, ईथियोपिया और ईरान शामिल हुए। 2025 में इंडोनेशिया और अब 10 से ज्यादा देश, जैसे सऊदी अरब, पाकिस्तान, थाईलैंड, क्यूबा, सदस्यता के लिए कतार में हैं। यह विस्तार और मांग ट्रंप के लिए बड़ा खतरा है।
बोलिविया के राष्ट्रपति लुईस आर्स ने कहा कि दुनिया दो धड़ों में बंट रही है, एक तरफ अमेरिका-यूरोप का पुराना ठहरा हुआ समूह और दूसरी ओर उभरता हुआ BRICS ब्लॉक।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।