डोनाल्ड ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान के बीच 'स्थायी' सीजफायर मैंने कराया, नहीं मानते तो व्यापार रोक देता, watch Video

Published : May 12, 2025, 07:50 PM ISTUpdated : May 12, 2025, 07:52 PM IST
US President Donald Trump (Photo/ X@WhiteHouse)

सार

Donald Trump on India-Pakistan ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 'स्थायी' सीजफायर उन्हीं की मध्यस्थता से संभव हो पाया। उन्होंने कहा, "अगर नहीं मानते तो व्यापार बंद कर देता।" जानिए पूरा मामला। 

Donald Trump on India-Pakistan ceasefire: भारत के नो-थर्ड पार्टी दावों के बीच एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा कर चौका दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम (Ceasefire) उनकी सीधी मध्यस्थता से संभव हो पाया। ट्रंप ने कहा: शनिवार को मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल और शायद स्थायी सीजफायर कराने में मदद की। ये दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं।

 

 

ट्रंप की धमकी: 'नहीं मानते तो व्यापार रोक देता'

प्रेसिडेंट ट्रंप ने कहा कि मैंने उन्हें कहा कि इसे बंद करो, अगर नहीं बंद किया तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे। और अचानक दोनों ने कहा कि वे रुक रहे हैं। इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिला कि अमेरिका ने दोनों देशों पर व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया ताकि सीमा पर गोलीबारी रोकी जा सके।

भारत की चुप्पी और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

जहां पाकिस्तान ने ट्रंप की मध्यस्थता और अमेरिका की भूमिका को खुले तौर पर स्वीकार किया और धन्यवाद दिया, वहीं भारत की ओर से अब तक मध्यस्थता से इनकार किया जा रहा है।

दरअसल, ट्रंप का यह दावा उस समय सामने आया है जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया। इस घटनाक्रम पर भारत की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि जनता को यह बताया जाना चाहिए कि अमेरिका जैसी बाहरी शक्तियों की भारत-पाक संबंधों में क्या भूमिका रही है।

क्या ट्रंप का दावा भारत की कूटनीति को चुनौती देता है?

ट्रंप के बयान से सवाल उठते हैं कि क्या भारत की 'नो थर्ड पार्टी' नीति कमजोर हुई है, या यह सिर्फ अमेरिकी प्रचार की एक रणनीति है? साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या भारत सरकार इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया देती है या इसे नजरअंदाज करती है।

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