Donald Trump ने Education Department को खत्म करने के लिए आदेश जारी किया। ट्रंप के इस विवादित आदेश का असर अमेरिकियों पर क्या होगा, जानिए डिटेल्स।
Federal Education Shutdown: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद लगातार विवादित फैसले ले रहे हैं। इमिग्रेशन कानून, टैरिफ आदि को लेकर अमेरिका में विवाद हो ही रहा था कि अब ट्रंप ने देश के शिक्षा विभाग (US Education Department) को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को व्हाइट हाउस में आयोजित एक विशेष समारोह में ट्रंप ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप का दावा है कि एजुकेशन डिपार्टमेंट को बंद करने के बाद देश की शिक्षा प्रणाली (Education Reform) में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। व्हाइट हाउस का दावा है कि अब देश की शिक्षा की सारी जिम्मेदारी राज्यों के पास होगी।
ट्रंप ने आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि हम शिक्षा विभाग को खत्म कर रहे हैं और इसे जल्द से जल्द बंद करेंगे। यह हमारे किसी काम का नहीं है। शिक्षा को राज्यों को लौटाने का समय आ गया है।
यह आदेश शिक्षा सचिव लिंडा मैकमैहन (Linda McMahon) को निर्देश देता है कि वे शिक्षा विभाग को बंद करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं और शिक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्यों को सौंपें।
ट्रंप के इस फैसले की रिपब्लिकन (Republican) नेताओं ने सराहना की, जबकि डेमोक्रेट्स (Democrats) और शिक्षाविदों ने इसका कड़ा विरोध किया है। डेमोक्रेट्स ने इसे तानाशाही फैसला (Tyrannical Power Grab) करार दिया है। सीनेट में डेमोक्रेट नेता चक शूमर (Chuck Schumer) ने कहा कि यह अमेरिका के इतिहास में सबसे विनाशकारी फैसलों में से एक है।
ट्रंप के इस ऐलान को टेक टाइकून एलन मस्क (Elon Musk) का भी समर्थन मिला है। मस्क की 'Department for Government Efficiency (DOGE)' पहले ही कई सरकारी एजेंसियों को कमज़ोर कर चुकी है। वहीं, Heritage Foundation ने इसे अमेरिका की शिक्षा नीति में ऐतिहासिक क्षण बताया।
इस आदेश से पहले लिंडा मैकमैहन ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की संख्या आधी कर दी थी, जिससे पहले ही स्पष्ट संकेत मिल रहे थे कि ट्रंप प्रशासन इसे पूरी तरह खत्म करने की योजना बना रहा है।
फेडरल फंडिंग पर असर: अमेरिका के स्कूलों को लगभग 13% फंडिंग फेडरल सरकार से मिलती है, जिसे अब राज्यों को खुद मैनेज करना होगा।
निम्न-आय वर्ग के छात्रों पर प्रभाव: सरकारी सहायता से पढ़ाई करने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप और फंडिंग मिलने में दिक्कत आ सकती है।
नागरिक अधिकारों की सुरक्षा: फेडरल सरकार स्कूलों में सिविल राइट्स (Civil Rights) लागू करने में अहम भूमिका निभाती थी, जिसे अब राज्य सरकारों को देखना होगा।