
इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही आतंकियों और उनके आकाओं पर नकेल कसना शुरू कर दी है। ट्रंप ने हाल ही में बांग्लादेश को मिलने वाली सभी तरह की मदद बंद करने का फैसला किया था। वहीं, ट्रंप ने अब यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के तहत पाकिस्तान को मिलने वाली मदद भी बंद करने का ऐलान किया है। बता दें कि USAID की तरफ से पाकिस्तान के आतंकी हाफिज सईद के टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन को पैसा मिलता था।
यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) अमेरिकी सरकार की एक लीगल बॉडी है, जो भारत विरोधी आतंकी संगठनों को पैसा मुहैया कराती थी। इस संगठन ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को भी पैसा दिया था, जिसे खुद अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया गया है। ये टेररिस्ट ग्रुप पाकिस्तान के लाहौर से ऑपरेट किया जाता है। कहा जाता है कि USAID को भारत के धुर विरोधी जॉर्ज सोरोस से फंडिंग मिलती थी।
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पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद का आतंकी संगठ फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) और लश्कर-ए-तैयबा मुंबई में 26/11 के हमलों के मास्टरमाइंड हैं। इस हमले में 166 भारतीयों और 6 अमेरिकी नागरिकों की जान चली गई थी। USAID को आतंकवादी संगठनों की फंडिंग के बाद जांच के घेरे में लिया गया। हालांकि, इसके बाद भी इसने इस्लामिक चैरिटी के नाम पर आतंकियों की मदद जारी रखते हुए उन्हें फंडिंग की।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी, 2025 को शपथ ली। अभी उन्हें शपथ लिए हुए महज 15 दिन ही बीते हैं और उन्होंने USAID को बंद करने का फैसला किया है। ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करते हुए यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) पर ताला लगाने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस एजेंसी से जुड़े सभी अफसरों और कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। ट्रंप प्रशासन ने इस एजेंसी पर अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसों के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है।
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