मोरक्को के ऐतिहासिक शहर माराकेच में भूकंप के चलते 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 थी।
वर्ल्ड डेस्क। मोरक्को में आए शक्तिशाली भूकंप में 2000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 थी। भूकंप का सबसे अधिक असर मोरक्को के ऐतिहासिक शहर माराकेच में दिखा। यहां कई पुराने भवन मलबे में बदल गए। माराकेच यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
भूकंप के चलते धरती डोली तो लोग चीखते-चिल्लाते हुए घरों से बाहर आए। सोशल मीडिया पर भूकंप के वक्त के वीडियो शेयर किए गए हैं। इसमें देखा जा सकता है को लोग क्लब और रेस्तरां खाली कर बाहर आ रहे हैं।
6.8 थी भूकंप की तीव्रता
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि स्थानीय समयानुसार रात 11:11 बजे आए भूकंप के झटकों की प्रारंभिक तीव्रता 6.8 थी। मोरक्को के राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी और चेतावनी नेटवर्क ने रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7 मापी। अमेरिकी एजेंसी ने 19 मिनट बाद 4.9 तीव्रता का झटका आने की सूचना दी।
भूकंप का केंद्र माराकेच से लगभग 43.5 मील दक्षिण में एटलस पर्वत में था। यह उत्तरी अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी टूबकल और मोरक्को के लोकप्रिय स्की रिसॉर्ट ओकाइमेडेन के पास था। भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 11 मील नीचे था। वहीं, मोरक्को की भूकंपीय एजेंसी ने इसे 5 मील नीचे बताया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
मोरक्को में आए भूकंप से हुई क्षति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, "मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मेरी कामना है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।"
बता दें कि 2004 में पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में आए भूकंप में कम से कम 628 लोग मारे गए थे। 1980 में पड़ोसी अल्जीरिया में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 2,500 लोग मारे गए थे और कम से कम 300,000 बेघर हो गए थे।