गोटाबाया राजपक्षे ने राजीव गांधी की हत्या में शामिल 'लिट्टे' के खात्मे में निभाई थी अहम भूमिका

Published : Nov 17, 2019, 01:31 PM ISTUpdated : Nov 17, 2019, 01:42 PM IST
गोटाबाया राजपक्षे ने राजीव गांधी की हत्या में शामिल 'लिट्टे' के खात्मे में निभाई थी अहम भूमिका

सार

श्रीलंका के  पूर्व रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल की है। श्रीलंका में घातक आतंकवादी हमले के सात महीने बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ था। इसके साथ ही गोटाबाया राजपक्षे ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने वाले लिट्टों के खात्मे में अहम भूमिका निभाई थी।

कोलंबो. श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रविवार को जारी मतगणना में पूर्व रक्षा सचिव श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना पार्टी से उम्मीदवार गोटाबाया राजपक्षे ने जीत हासिल की है। बता दें कि राजपक्षे का झुकाव चीन की तरफ बताया जाता है। श्रीलंका में घातक आतंकवादी हमले के सात महीने बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग के मुताबिक तकरीबन पांच लाख मतों की गणना के बाद मुख्य विपक्षी उम्मीदवार राजपक्षे 50.51 प्रतिशत मतों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि पूर्व आवासीय मंत्री सजीत प्रेमदासा को 43.56 प्रतिशत मत मिले हैं। जिसके बाद प्रेमदासा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है।

80 प्रतिशत लोगों ने किया मतदान

आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिया ने बताया कि शनिवार को हुए मतदान में कुल 1.59 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 80 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया। 70 वर्षीय राजपक्षे देश के सिंहली बहुल इलाकों में आगे है, जबकि प्रेमदासा को उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में तमिल समुदाय का समर्थन प्राप्त है।  ‘यूनाइटेड नेशनल पार्टी’ (यूएनपी) के प्रेमदासा (52) देश के पूर्व राष्ट्रपति रणसिंहे प्रेमदासा के पुत्र हैं। देश में 21 अप्रैल को हुए आत्मघाती बम हमलों के बाद यह चुनाव यूएनपी नीत सरकार की लोकप्रियता की परीक्षा है। इन हमलों में कम से कम 269 लोगों की मौत हो गई थी। इन हमलों को रोकने में नाकाम रहने पर सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 

कौन है गोटाभाया राजपक्षे

  • नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं। 
  • श्रीलंका के रक्षा विभाग के सचिव रह चुके है। 
  • पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के छोटे भाई है। 
  • 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई । 
  • गोटाभाया का जन्म 20 जून 1949 को हुआ था। अब यह 70 साल के है। 

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