कोरोना से संक्रमित थे जॉर्ज फ्लॉयड, गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पुलिसकर्मी ने नहीं लेने दी सांस

जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि वह कोरोना से भी संक्रमित थे। लगातार 9 मिनट तक सांस न ले पाने की वजह से उनका दम घुट गया। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 4, 2020 12:56 PM IST / Updated: Jun 04 2020, 06:43 PM IST

वॉशिंगटन. अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरे अमेरिका में नस्लभेद को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। 25 मई को फ्लॉयड की हत्या एक पुलिस अफसर ने कर दी थी। अब फ्लॉयड की मौत को लेकर नया खुलासा हुआ है। वह कोरोना संक्रमित था। जब पुलिसकर्मी उनकी गर्दन पर बैठा था, तो वे गिड़गिड़ाते रहे, वे सांस नहीं ले पा रहे थे। लेकिन पुलिस अफसर ने एक नहीं सुनी। लगातार 9 मिनट तक सांस न ले पाने की वजह से उनका दम घुट गया।

बुधवार को हैनेपिन काउंटी मेडिकल एग्जामिनर ऑफिस ने 20 पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जारी की। इसमें खुलासा हुआ है कि उनकी मौत कार्डियोपल्मोनरीअरेस्ट की वजह से हुई है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है, उनकी कोरोना की भी जांच हुई थी। जांच के बाद यह पता चला है कि वह कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे।

नकली नोट देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे जॉर्ज
25 मई को 44 साल के अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज की मौत हो गई थी। उन्हें एक स्टोर पर 20 डॉलर का नकली नोट देने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। इसी बीच उनके और पुलिसकर्मी के बीच झड़प भी हुई थी। एक पुलिसकर्मी ने उनके गले पर अपना घुटना रखा था, जिसके कारण वह सांस नहीं ले पाए थे।

4 पुलिसकर्मी सस्पेंड
घटना के दौरान चार पुलिसकर्मी मौजूद थे। चारों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। सभी पुलिसकर्मियों पर हत्या के आरोप लगाए गए हैं। वहां खड़े लोगों ने इस घटना का वीडियो बना लिया था। इसमें फ्लॉयड यह कहते नजर आ रहे हैं कि आई कान्ट ब्रीथ, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। इसके बावजूद पुलिसकर्मी ने उन्हें लगातार 9 मिनट कर दबोचे रखा और उन्होंने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। यह वीडियो इंटरनेट पर जाते ही तेजी से वायरल हो गया। इसके बाद अमेरिका में प्रोटेस्ट होने शुरू हो गए। प्रोटेस्ट इतने बढ़ गए कि दंगों में बदल गए। 

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