पैरामिलिट्री टेररिस्ट्र ग्रुप बनाने के आरोपी दो पूर्व सैनिक अरेस्ट, यमन युद्ध के लिए तैयार कर रहे थे फोर्स

जर्मन सरकार पिछले कई वर्षों से अपने सैनिकों के गलत रास्ते पर जाने से चिंतित है। जर्मन सैनिक लगातार फार-राइट ग्रुप्स से जुड़ रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2021 11:00 AM IST

बर्लिन। जर्मनी पुलिस (German Police) ने यहां के दो पूर्व सैनिकों को अरेस्ट किया है। इन पर आरोप है कि ये लोग यमन गृहयुद्ध के दौरान आतंकी पैरामिलिट्री ग्रुप बनाने की कोशिश की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों पूर्व सैनिकों ने करीब 100-150 पुरुषों को चिंहित भी कर लिया था। कई लोगों से इन लोगों ने संपर्क भी कर लिया था।

इनको किया गया अरेस्ट

दोनों पूर्व सैनिकों अरेंड एडॉल्फ और अचिम ए को बुधवार को ब्रिसगौ-होचस्वार्ज़वाल्ड और म्यूनिख से अरेस्ट किया है। रिपोर्ट के अनुसार भर्ती के लिए जिम्मेदार अरेंड एडॉल्फ ने कम से कम सात लोगों से संपर्क भी कर लिया था। आरोप है कि इन लोगों ने यमन गृहयुद्ध में हस्तक्षेप के लिए यह पैरामिलिट्री ग्रुप तैयार किया था।

पुलिस ने बताया कि इन दोनों आरोपियों को यह अंदाजा था कि जिस ग्रुप को यह बना रहे हैं वह हत्याओं को अंजाम देंगे और इसमें नागरिकों को ही नुकसान होगा या नागरिक मारे जाएंगे। आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के लिए सऊदी अरब से पैसे मिलने के आसार थे। वे यूनिट के लड़ाकों को 35 लाख रुपये देने का प्लान कर रहे थे। अचिम पर सऊदी अरब सरकार के प्रतिनिधियों से संपर्क करने और इसके लिए एक मीटिंग अरेंज करने की जिम्मेदारी थी। आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही उनके संपत्तियों की भी तलाशी ली गई है। म्यूनिख और कालव जिले के साथ ही बाडेन-वुर्टेमबर्ग और बवेरिया में संदिग्धों की संपत्तियां तलाशी गई।

जर्मन सरकार सैनिकों को गलत रास्ते पर जाने से चिंतित

जर्मन सरकार पिछले कई वर्षों से अपने सैनिकों के गलत रास्ते पर जाने से चिंतित है। जर्मन सैनिक लगातार फार-राइट ग्रुप्स से जुड़ रहे हैं। अक्टूबर की शुरुआत में सेना ने अपने कई गार्ड्स को सेक्सुअल हैरेसमेंट और फार-राइट ग्रुप्स के साथ सहानुभूति के संदेह में सस्पेंड कर दिया था। इससे पहले 2020 में इलीट कमांडो फ़ोर्स को आंशिक रूप से भंग कर दिया गया था। इस फोर्स को युद्ध सामग्री चोरी होने के बाद भंग कर दिया गया। इन सदस्यों को एक पार्टी में हिटलर को सलामी देते देखा गया था। इसी तरह लिथुआनिया में तैनात एक प्लाटून को नस्लवादी और यहूदी-विरोधी व्यवहार के आरोपों के बाद वापस बुला लिया गया था।

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