विश्व शक्तियों में बढ़े तनाव के बीच परमाणु संपन्न देशों ने ली शपथ-Nuclear War न हो क्योंकि कोई नहीं जीत सकता

परमाणु हथियारों के अप्रसार (NPT) पर संधि की समीक्षा के लिए पांचों देशों के प्रतिनिधियों को 4 जनवरी को मीटिंग किया जाना था लेकिन यह कोरोना महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया है। परमाणु अप्रसार संधि यानी एनपीटी को साल 1970 में लागू किया गया था।

पेरिस। दुनिया में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए पांच वैश्विक शक्ति संपन्न देशों ने शपथ ली है। इन लोगों की यह पहल परमाणु संघर्ष को रोकने की खातिर है। परमाणु संधि (Nuclear Treaty) की समीक्षा के पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पांचों परमाणु संपन्न देशों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन व यूएसए ने यह शपथ लेते हुए एक स्वर में यह कहा कि परमाणु हथियारों के प्रसार को भविष्य के लिए रोकना बेहद जरूरी है। इन देशों ने कहा कि न्यूक्लियर वार कभी भी जीता नहीं जा सकता है, इसलिए यह लड़ा नहीं जाना चाहिए।

परमाणु अप्रसार संधि की समीक्षा स्थगित

Latest Videos

परमाणु हथियारों के अप्रसार (NPT) पर संधि की समीक्षा के लिए पांचों देशों के प्रतिनिधियों को 4 जनवरी को मीटिंग किया जाना था लेकिन यह कोरोना महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया है। परमाणु अप्रसार संधि यानी एनपीटी को साल 1970 में लागू किया गया था।
 
आपसी मतभेदों के बावजूद परमाणु प्रसार रोकने के पक्ष में

चीन, रूस और पश्चिम के देशों के बीच बढ़े तनाव या मौजूदा मतभेदों के बावजूद सभी पांचों देशों ने यह जोर देकर कहा कि हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है कि हम परमाणु हथियारों वाले राज्यों के बीच युद्ध से बचाए और रणनीतिक जोखिमों में कमी लाएं। 

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि चूंकि, परमाणु उपयोग के दूरगामी परिणाम होंगे इसलिए हम यह भी पुष्टि करते हैं कि परमाणु हथियार से रक्षात्मक उद्देश्यों की पूर्ति करना चाहिए, आक्रामकता को रोकना चाहिए और हर हाल में युद्ध को रोकना चाहिए।

अमेरिका और रूस के बीच भी बढ़ा तनाव

यह बयान तब आया है जब रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव उस ऊंचाई पर पहुंच गया है जो शायद ही कभी शीत युद्ध के बाद से मास्को द्वारा यूक्रेनी सीमा के करीब एक सेना के निर्माण पर देखा गया हो। इससे यह आशंका बढ़ गई है कि क्रेमलिन अपने पश्चिमी-समर्थक पड़ोसी पर एक नए हमले की योजना बना रहा है। इस बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन के उदय ने भी चिंता जताई है। विशेष रूप से ताइवान द्वीप को लेकर चीन और वाशिंगटन के साथ तनाव से संघर्ष हो सकता है। बीजिंग ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और यदि आवश्यक हो तो एक दिन इसे बलपूर्वक जब्त करने की कसम खाई है।

परमाणु शक्तियों की पहल का रूस ने किया स्वागत

रूस ने परमाणु शक्तियों की घोषणा का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे वैश्विक तनाव कम होगा। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की मौजूदा कठिन परिस्थितियों में इस तरह के राजनीतिक बयान को मंजूरी देने से अंतरराष्ट्रीय तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।"

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने आरआईए नोवोस्ती समाचार एजेंसी को बताया कि मॉस्को अभी भी दुनिया की परमाणु शक्तियों के बीच एक शिखर सम्मेलन को आवश्यक मानता है।

यह बयान तब भी आया है जब विश्व शक्तियां ईरान के साथ उसके विवादास्पद परमाणु अभियान पर 2015 के सौदे को पुनर्जीवित करने के लिए समझौते पर पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, जिसे अमेरिका ने 2018 में समझौते से बाहर कर दिया था। वाशिंगटन, जिसने कभी भी ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से इनकार नहीं किया है, ने बार-बार चेतावनी दी है कि एक समझौते पर सहमत होने का समय समाप्त हो रहा है।

यह भी पढ़ें:

New Year पर China की गीदड़भभकी, PLA ने ली शपथ-Galvan Valley की एक इंच जमीन नहीं देंगे

China ने Arunachal क्षेत्र के कई क्षेत्रों के बदले नाम, बताया अपना क्षेत्राधिकार, AP को भी दिया है अलग नाम

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar