
टोक्यो: राष्ट्रपति हसन रूहानी दो दशक में जापान की यात्रा करने वाले पहले ईरानी राष्ट्राध्यक्ष बन गये हैं। जापान बढ़ते परमाणु तनाव के बीच ईरान और अमेरिका के बीच मध्यस्थता की कोशिश में जुटा है। रूहानी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे शुक्रवार शाम को निर्धारित शिखर स्तर की वार्ता और भोज से पहले यहां आबे के कार्यालय के बाहर सलामी गारद का निरीक्षण किया। इस वार्ता के बाद दोनों नेताओं का संवाददाताओं को संबोधित करने का कार्यक्रम नहीं है।
रूहानी की यह यात्रा ईरान में पिछले पेट्रोलियम के दाम में बढ़ोत्तरी को लेकर भयंकर प्रदर्शन के बाद हुई है। अमेरिका ने ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर पाबंदियां लगा दी है जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय करार से हटने के बाद 2018 में उस पर कड़ी पाबंदियां लगा दी थी।
ईरान सरकार के प्रवक्ता अली रबीबी ने रूहानी की इस यात्रा के मध्यस्थता पहलू को यह कहते हुए तवज्जो नहीं दिया कि ‘तोक्यो की इस यात्रा का अमेरिका के साथ बातचीत जैसे मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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