ईरान को निपटाने की कोशिशों में जुटे ट्रंप अपने ही देश में घिरे, ताकत को कम करने वाला प्रस्ताव पास

Published : Jan 10, 2020, 09:40 AM IST
ईरान को निपटाने की कोशिशों में जुटे ट्रंप अपने ही देश में घिरे, ताकत को कम करने वाला प्रस्ताव पास

सार

अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रजेंटेटिव से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकार सीमित करने का 'वॉर पावर्स' प्रस्ताव पारित हो गया है।अब इस प्रस्ताव को कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा, जहां इसके भाग्य का फैसला होना है। 

वॉशिंगटन. अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रेप्रजेंटेटिव से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकार सीमित करने का 'वॉर पावर्स' प्रस्ताव पारित हो गया है। डेमोक्रेटिक सांसदों के बहुमत वाले निचले सदन में प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। अब इस प्रस्ताव को कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा, जहां इसके भाग्य का फैसला होना है। अगर सीनेट से भी प्रस्ताव पास हो जाता है तो इसके प्रभाव में आने के लिए ट्रंप के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि रिपब्लिकन सांसदों की मेजॉरिटी वाले सीनेट में प्रस्ताव का पास होना थोड़ा मुश्किल है।

दोनों देशों के बीच बढ़ा है तनाव 

हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर और डेमोक्रेट सांसद नैंसी पेलोसी की अध्यक्षता में 'वॉर पावर्स' प्रपोजल पर वोटिंग हुई। इस दौरान प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। बता दें कि ईरान के सबसे ताकतवर शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के अमेरिकी ड्रोन अटैक में मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। हालांकि बुधवार को ट्रंप की ईरान के साथ शांति की पेशकश के बाद फिलहाल किसी तरह के युद्ध की आशंका भले ही खत्म हो गई हो लेकिन ट्रंप और यूएस कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है।

यह प्रस्ताव ऐसे समय पर पास हुआ है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कायम है। अमेरिका ने पिछले हफ्ते ही इराक की राजधानी बगदाद में एयर स्ट्राइक के जरिए ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को निशाना बनाया था। जिसके बाद से ईरान लगातार बदला लेने की बात कर रहा है। 

ईरान ने दागी थीं 22 मिसाइलें

सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान ने इराक के अल-असद और इरबिल स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने इसे सुलेमानी की मौत का बदला बताया था। दूसरी ओर, अमेरिका ने दावा किया था कि इस हमले में किसी भी अमेरिकी की जान नहीं गई और सैन्य ठिकानों में भी कम नुकसान हुआ। राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया था कि वह ईरान को कभी परमाणु शक्ति नहीं बनने देंगे और युद्ध के बजाय दूसरे आर्थिक प्रतिबंध बढ़ाकर ईरान को सबक सिखाएंगे।

सुलेमानी के मारे जाने पर हुआ था विरोध 

ट्रंप ने संसद को जानकारी दिए बिना ही इराक में ईरान के कमांडर जनरल सुलेमानी पर ड्रोन हमले की इजाजत दे दी थी। अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की थी। नैंसी पेलोसी ने यूएस सांसदों को पत्र लिखकर राष्ट्रपति की सैन्य कार्रवाई को सीमित करने का प्रस्ताव रखा था। इस पर ट्रंप ने कहा था कि सुलेमानी के मारे जाने का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो राष्ट्रपति चुनाव जीतना चाहते हैं।

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