Indian Students in Ukraine : कॉलेज की बस ने 8 किमी पहले उतारा, पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर पहुंचे 40 भारतीय छात्र

Indian students in Ukraine : पोलैंड की सीमा से 70 किमी दूर ल्विव Lviv के एक मेडिकल कॉलेज के छात्र यूक्रेन से निकलने की कोशिश में लगे हैं। यूक्रेन का हवाई क्षेत्र रूसी साइबर अटैक के कारण गुरुवार से ही बंद है। ऐसे में इन्हें पड़ोसी देशों से मदद की उम्मीद है। सरकार ने भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक पहुंचने वालों को निकालने की व्यवस्था की है। 

नई दिल्ली। रूस के हमले से दहशतजदा भारतीय छात्र किसी भी सूरत में यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं। टैक्सी, बस नहीं मिल रही हैं। ऐसे में वे पैदल चलने को मजबूर हो गए हैं। ऐसा ही दृश्य शुक्रवार को सामने आया। यहां 40 भारतीय छात्र (40 Indian Students) यूक्रेन-पोलैंड सीमा तक पैदल गए। दरअसल, कॉलेज की बस ने उन्हें सीमा से करीब 8 किमी पहले उतार दिया था। इसके बाद छात्रों ने आगे का सफर पैदल चलकर तय किया।  

यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद, बस-टैक्सी भी नहीं मिल रही 
पोलैंड की सीमा से 70 किमी दूर ल्विव Lviv के एक मेडिकल कॉलेज के छात्र यूक्रेन से निकलने की कोशिश में लगे हैं। यूक्रेन का हवाई क्षेत्र रूसी हमले के कारण बंद है। ऐसे में इन्हें पड़ोसी देशों से मदद की उम्मीद है। पोलैंड-यूक्रेन सीमा तक लंबी पैदल यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों ने एक फोटो शेयर किया है। इसमें ये एक खाली पड़ी सड़क पर पैदल चल रहे हैं।  

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यूक्रेन में 20 हजार भारतीय, इनमें ज्यादातर छात्र 
भारत सरकार के मुताबिक यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र हैं। बिगड़ते हालातों के बीच भारत सरकार ने एअर इंडिया की उड़ानें यूक्रेन भेजकर कुछ लोगों को निकाला लेकिन गुरुवार से हवाई क्षेत्र बंद होने के बाद से भारत की उड़ान को वापस आना पड़ा। अब ये छात्र और अन्य लाग बमबारी और मिसाइल हमलों के बीच अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशनों और बसमेंटों में छिपकर मदद का इंतजार कर रहे हैं। 

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सरकार अपने खर्च पर फंसे लोगों को वापस लाएगी 
विदेश मंत्रालय ने पोलैंड जाने वाले भारतीय छात्रों की मदद के लिए कुछ जगहों पर शिविर खोले हैं। यहां रूसी भाषी अधिकारियों को भेजा है। कुछ छात्रों का समूह यूक्रेन-रोमानिया सीमा के लिए भी रवाना हो गया है। इस बीच खबर है कि भारत सरकार उन भारतीयों को लाने के लिए उड़ानों का बंदोबस्त कर रही है, जो यूक्रेन के पड़ोसी देशों तक पहुंच रहे हैं। इन फंसे हुए लोगों को लाने का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। दो चार्टर्ड उड़ानें आज बुखारेस्ट के लिए रवाना होने की संभावना है और एक उड़ान कल बुडापेस्ट के लिए रवाना होगी।

पीएम मोदी ने पुतिन से हिंसा रोकने की अपील की 
जो लोग हंगरी और रोमानिया की सीमा चौकियों के सबसे करीब हैं, उन्हें सबसे पहले वहां से निकलने की सलाह दी गई है। विदेश मंत्रालय ने छात्रों से व्यवस्थित आवाजाही के लिए कॉन्ट्रैक्टर्स के संपर्क में रहने का आग्रह किया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार देर रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की अपील की। ।

आईएमए की अपील- छात्रों की वापसी के लिए इंतजाम करे सरकार
यूक्रेन में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की स्थिति देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भारत सरकार से इन छात्रों को वापस लाने की अपील की है। आईएमए ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में आईएमए ने कहा कि 'आप जानते हैं कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनमें से अधिकांश हवाई यात्रा की बढ़ी हुई लागत को वहन नहीं कर सकते हैं। यहां तक ​​कि वे भी वहां की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण यात्रा नहीं कर सकते हैं। दिन-प्रतिदिन भी राशन कम हो रहा है, जिससे उनके अस्तित्व के लिए गंभीर कठिनाइयां पैदा हो रही हैं। यहां उनके माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा और भलाई को लेकर चिंतित और चिंतित हैं।' इसलिए इनकी मदद करें।

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