पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील पर पुल निर्माण का मामला सामने आने के बाद अब चीन एक और हरकत कर रहा है। वो भूटान के रास्ते भारत को घेरने में लगा है। कुछ नई सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं। इससे पता चलता है कि चीन डोकलाम एरिया से 30 किलोमीटर दूर भूटान में दो बड़े गांव बसा रहा है।
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील पर पुल निर्माण का मामला सामने आने के बाद अब चीन एक और हरकत कर रहा है। वो भूटान के रास्ते भारत को घेरने में लगा है। कुछ नई सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं। इससे पता चलता है कि चीन डोकलाम एरिया से 30 किलोमीटर दूर भूटान में दो बड़े गांव बसा रहा है। ये सभी गांव आपस में जुड़े रहेंगे। बता दें कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प भी हो चुकी है। तब चीन वहां रोड बना रहा था, इस पर भारतीय सैनिकों ने उसे रोक दिया था। चीन यहां 166 इमारतें और सड़कें बना रहा है। सैटेलाइट इमेज में यह सब देखा जा सकता है।
मीडिया हाउस ने जारी की इमेज
NDTV ने इन इमेज जारी की हैं। इससे पता चलता है कि चीन डोकलाम में अपनी रणनीति में बदलाव कर रहा है। चीन ऐसी जगहों पर कंस्ट्रक्शन कर रहा है, जहां भारत की उपस्थिति नहीं है। डोकलाम का पठार काफी बड़ा है। बता दें कि इस समय चीन जहां कंस्ट्रक्शन कर रहा है, वो जगह 2017 में चीन से हुए विवाद से महज 9 किलोमीटर दूर है। यह जमीन भूटा की है। इससे पहले नवंबर 2020 में NDTV ने ही अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीनी सेना भूटान में एक गांव बसा रही है। कंस्ट्रक्शन साइट पर सड़कें तैयार हो चुकी हैं। चूंकि भूटान पहले से ही चीन से डरा रहता है, ऐसे में चीन उसकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ अपनी रणनीति के तौर पर कर सकता है। भूटान और चीन के बीच 40 साल से सीमा विवाद चला आ रहा है। चूंकि भूटान का झुकाव हमेशा से भारत की तरफ रहा है, ऐसे में चीन अकसर भूटान पर दबिश देता रहता है। भारत के साथ पिछले 2 साल से चीन का सीमा विवाद चला आ रहा है।
Pangong झील पर पुल निर्माण पर चीन ने दी थी सफाई
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील (Pangong Lake) पर चीन द्वारा पुल बनाए जाने पर भारत द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद चीन ने सफाई दी थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि चीन के बुनियादी ढांचे का निर्माण पूरी तरह से उसकी संप्रभुता के भीतर आता है। इसका उद्देश्य चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के साथ-साथ चीन-भारत सीमा पर शांति और स्थिरता की रक्षा करना है।
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