तेल का खेल: क्या भारत ने ईरान-इजराइल युद्ध की चाल पहले ही भांप ली?

Published : Jun 22, 2025, 08:23 PM ISTUpdated : Jun 22, 2025, 08:26 PM IST
straight of hormuz

सार

ईरान-इजराइल युद्ध के बीच स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होने की खबरों से तेल आपूर्ति पर संकट के आसार। भारत ने रूस से तेल आयात बढ़ाकर पहले ही इस मुश्किल से निपटने की रणनीति बना ली है। 

Israel-Iran War Impact: ईरान-इजराइल के बीच युद्ध थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। खासकर तब, जबकि इसमें अमेरिका की भी एंट्री हो चुकी है। इसी बीच, चर्चा है कि ईरान दुनिया के सबसे खास तेल मार्ग स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा। भारत चूंकि ईरान और दूसरे खाड़ी देशों से बड़ी मात्रा में तेल आयात करता है। ऐसे में उसने इस तरह की समस्या से पार पाने के लिए पहले ही एक बड़ा कदम उठा लिया है।

मिडिल ईस्ट की जगह अब रूस से बढ़ा तेल आयात

भारत ने तेल सप्लाई के सबसे बड़े रास्ते स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के बंद होने से पहले ही मिडिल ईस्ट के देशों की तुलना में रूस से तेल आयात बढ़ा दिया है। जून महीने में अब तक रूस से मंगाए जाने वाले तेल का आंकड़ा दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। ग्लोबल ट्रेड एनालिस्ट फर्म केप्लर के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत ने जून के महीने में रूस से करीब हर दिन 2 से 2.2 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल आयात किया है।

अमेरिका से भी बढ़ाया क्रूड आयात

भारत ने जून महीने में अमेरिका से भी क्रूड आयात बढ़ाया है। अब ये 439,000 बैरल प्रतिदिन पहुंच गया है। मई महीने में ये महज 280,000 बैरल प्रतिदिन था। केप्लर के मुताबिक, इजराइल-ईरान के बीच जिस तरह हालात बिगड़ते जा रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि आनेवाले समय में मिडिल ईस्ट से कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होगी। खासकर ईरान लगातार स्ट्रेट ऑफ होर्मूज को बंद करने की धमकियां दे रहा है।

होर्मूज से ही आता है भारत के कच्चे तेल का 40% हिस्सा

बता दें कि भारत अपनी कुल जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है। भारत के कच्चे तेल का करीब 40% और गैस का 50 प्रतिशत हिस्सा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज से होकर ही आता है। इतना ही नहीं, इस रास्ते से 44% क्रूड ऑयल एशिया में जाता है, जिसकी सबसे ज्यादा खपत चीन और भारत में होती है। ऐसे में इजराइल-ईरान जंग के बाद अगर ये बंद होता है तो भारत में तेल की आपूर्ति कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है। यही वजह है कि भारत ने मिडिल-ईस्ट में हालात को भांपते हुए पहले ही कच्चे तेल का इंतजाम दूसरे देशों से बढ़ाने का फैसला किया है।

इन देशों से भी तेल आयात बढ़ा सकता है भारत

इजराइल-ईरान में युद्ध बढ़ने पर तो भारत रूस से कच्चे तेल का आयात और बढ़ा सकता है। इसके अलावा भारत अमेरिका, ब्राजील, नाइजीरिया और अंगोला से भी तेल खरीद सकता है।

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