अपने सामने 16 कैदियों को फांसी चढ़ते देख बारी आने से पहले ही मर गई महिला, शव के साथ जल्लाद ने किया यह सलूक

Published : Sep 08, 2022, 10:58 AM ISTUpdated : Sep 08, 2022, 11:02 AM IST
अपने सामने 16 कैदियों को फांसी चढ़ते देख बारी आने से पहले ही मर गई महिला, शव के साथ जल्लाद ने किया यह सलूक

सार

ईरान की एक महिला को फांसी की सजा दी गई थी। उससे पहले 16 कैदियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया। बारी आने से पहले ही दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने शव को फंदे से लटकाया।

तेहरान। ईरान उन देशों में शामिल है जहां अपराध पर बेहद कड़ी सजा दी जाती है। कोर्ट से यहां बड़ी संख्या में दोषियों को फांसी की सजा दी जाती है। सजा को तुरंत अमल में लाया जाता है और दोषी को फांसी के फंदे से लटका दिया जाता है। 

पिछले दिनों कैदियों को फांसी देने के दौरान एक ऐसी घटना घटी जो चर्चा का विषय बन गई। पति की हत्या के मामले में जाहरा इस्माइली को फांसी की सजा मिली थी। वह दिन भी आ गया जब उसे फांसी पर चढ़ाया जाना था। जाहरा से पहले 16 कैदियों को फांसी के फंदे से लटकाया गया। जाहरा को पता था कि चंद मिनट में उसकी भी ऐसी ही गत होनी है। फांसी का नंबर आता इससे पहले ही जाहरा को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई।

सास ने हटाया स्टूल
कैदियों को फांसी के फंदे पर लटका रहे अधिकारियों को इस बात से फर्क नहीं पड़ा की जाहरा की मौत हो चुकी है। उन्होंने जल्लाद को उसे फांसी के फंदे पर चढ़ाने का हुक्म दिया। जल्लाद ने शव को फांसी के फंदे पर चढ़ाया। इसके बाद जाहरा के पति की मां ने स्टूल को लात मारकर हटाया और शव फंदे से झूल गया।

2017 में हुई थी जाहरा के पति की हत्या
जाहरा का पति एक खुफिया अधिकारी था। वह जाहरा का उत्पीड़न करता था। 2017 में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी। जाहरा दो बच्चों की मां थी। पति की हत्या के बाद पुलिस ने जाहरा और उसके दोनों बच्चों को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। बेटे को कोर्ट ने बरी कर दिया था। जाहरा को फांसी और उसकी बेटी को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

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ईरान में बढ़ गए हैं फांसी देने के मामले
गौरतलब है कि ईरान में दोषियों को फांसी की सजा देने के मामले बढ़ गए हैं। एचआर और फ्रांस के टुगेदर अगेंस्ट द डेथ पेनल्टी (ईसीपीएम) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कट्टरपंथी इब्राहिम रायसी के राष्ट्रपति बनने के बाद  फांसी की दर में तेजी आई है। 2021 में 333 कैदियों को फांसी दी गई थी। वहीं, 2020 में 267 कैदियों को फांसी दी गई थी। 
 

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