
टोक्यो: जापान ने दशकों बाद अपने यौन अपराध कानूनों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। जापान ने सेक्स के लिए सहमति की उम्र 13 साल से बढ़ाकर अब 16 साल कर दी है। जापान में सहमति से सेक्स की उम्र दुनिया में सबसे कम थी। शुक्रवार को जापान की संसद ने सर्वसम्मति से यौन अपराध कानून में बदलाव किया। जापान में अब ताकझांक करना भी अश्लीलता की श्रेणी में है और इसे अपराध माना गया है।
सवा सौ साल से नहीं हुआ कोई बदलाव
जापान में सहमति की उम्र का कानून साल 1907 में बना था। इस कानून के तहत 13 साल या उससे अधिक उम्र मे बच्चों को सेक्स के लिए सहमति देने में सक्षम माना जाता है। सवा सौ साल बीतने के बाद भी जापान ने इस कानून में कोई बदलाव नहीं किया था। हालांकि, नाबालिगों के साथ बढ़ते यौन अपराधों को देखते हुए देश के कई हिस्सों में समय-समय पर क्षेत्रीय अध्यादेश लाकर सहमति की आयु 18 वर्ष कर दी गई थी। जापान ने 2017 में यौन अपराधों की धाराओं में संशोधन किया था। लेकिन तमाम समाजिक संस्थाओं ने इसे नाकाफी बताया था।
छिप कर देखना भी अपराध
जापान के नए यौन अपराध कानून के तहत अब छिपकर देखना भी अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। इसके अलावा शराब या नशीली दवाओं के प्रभाव में पीड़ित को भयभीत करना या आपराधिक स्थिति का लाभ उठाना भी अपराध माना गया है। इसका मतलब यह है कि जो लोग 16 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन उद्देश्यों के लिए मिलने के लिए धमकाने, बहकाने या पैसे का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें एक साल तक की जेल की सजा या 500,000 येन (3,500 डॉलर) का जुर्माना देना होगा।
गुप्त रूप से शरीर के निजी अंगों को फिल्माना भी अपराध
नए कानून के तहत, गुप्त रूप से निजी शरीर के अंगों, अंडरवियर या अश्लील कृत्यों को बिना किसी उचित कारण के फिल्माने के लिए भी सजा तय किया गया है। इन अपराधों के लिए तीन साल तक की कैद या तीन मिलियन येन तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
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