Russia Volcano Erupts: 600 साल में पहली बार रूस के क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी में विस्फोट, जानें वजह

Published : Aug 03, 2025, 05:31 PM ISTUpdated : Aug 03, 2025, 05:35 PM IST
Krasheninnikov Volcano

सार

Kamchatka Volcano Blast: रूस के कामचटका स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी 600 साल बाद पहली बार 2 अगस्त 2025 को फटा। इससे पहले 30 जुलाई को 8.8 तीव्रता और 3 अगस्त को 6.8 तीव्रता के भूकंप आए थे। राख का गुबार 6000 मीटर तक पहुंचा।  

DID YOU KNOW ?
रिंग ऑफ फायर
प्रशांत महासागर का 'रिंग ऑफ फायर' दुनिया के करीब 75% सक्रिय ज्वालामुखी और 90% बड़े भूकंपों का केंद्र है। इसमें भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप शामिल हैं।

Russia Volcano Erupts: रूस के कामचटका में स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी (Krasheninnikov Volcano) 600 साल में पहली बार फटा है। रूसी सरकारी न्यूज एजेंसी RIA और वैज्ञानिकों ने रविवार को यह जानकारी दी। रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप के निकट रविवार को कुरील द्वीप समूह में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई।

कामचटका भूकंप के चलते क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी में हुआ विस्फोट

प्रशांत सुनामी चेतावनी प्रणाली ने भूकंप की तीव्रता 7.0 मापी। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने भी कहा कि भूकंप की तीव्रता 7 थी। भूकंप का केंद्र रूस के सेवेरो-कुरीलस्क से लगभग 118km पूर्व में कुरील द्वीप क्षेत्र में स्थित था। इससे पहले बुधवार तड़के (30 जुलाई) कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था। क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी के फटने को इस भूकंप से जोड़ा जा रहा है।

 

 

कामचटका प्रायद्वीप के पास तेजी से हो रहीं भूकंपीय गतिविधि

कामचटका प्रायद्वीप में कुरील-कामचटका सबडक्शन क्षेत्र में हुए तीव्र भूकंपीय गतिविधि के चलते भीषण भूकंप आया था। यहां प्रशांत प्लेट ओखोटस्क माइक्रोप्लेट (उत्तरी अमेरिकी प्लेट परिसर का हिस्सा) के नीचे लगभग 77-86 मिमी प्रति वर्ष की गति से घुस रही है। यह क्षेत्र दुनिया की सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय सबडक्शन खाइयों में से एक है। यह प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ फायर" के भीतर स्थित है। 30 जुलाई को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने करीब 390km लंबे और 140km चौड़े फॉल्ट के एक बड़े हिस्से को तोड़ दिया था। इसके बाद कई और भूकंप आए। इसी क्रम में रविवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया।

6000 मीटर तक उठा क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी के राख का गुबार

क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी शनिवार को फटा। भूकंप वैज्ञानिक गिरिना ने ज्वालामुखी विज्ञान एवं भूकंप विज्ञान संस्थान के टेलीग्राम चैनल पर कहा कि क्रशेनिनिकोव का आखिरी लावा रिसाव 1463 के 40 वर्षों के भीतर हुआ था। इसके बाद से इसमें कोई विस्फोट नहीं हुआ था। रूस के आपातकालीन सेवा मंत्रालय की कामचटका शाखा ने कहा कि ज्वालामुखी के फटने के बाद 6000 मीटर तक ऊंचा राख का गुबार देखा गया है। ज्वालामुखी की ऊंचाई 1,856 मीटर है। राख का बादल पूर्व की ओर है। यह प्रशांत महासागर की ओर बह गया है। इसके रास्ते में कोई आबादी वाला इलाका नहीं है।

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