जर्मनी चांसलर की यात्रा का अंतिम दिन, जाने क्यों मर्केल जाना चाहती हैं सेक्‍टर-21 मेट्रो स्‍टेशन?

Published : Nov 02, 2019, 10:29 AM ISTUpdated : Nov 02, 2019, 10:57 AM IST
जर्मनी चांसलर की यात्रा का अंतिम दिन, जाने क्यों मर्केल जाना चाहती हैं सेक्‍टर-21 मेट्रो स्‍टेशन?

सार

जर्मनी की चासंलर एंजेला मर्केल इस समय भारत यात्रा पर हैं। आज मर्केल वापस जर्मनी के लिए रवाना हो जाएंगी। लेकिन भारत यात्रा कार्यक्रम को जब सार्वजनिक किया गया तो उसमें उनका अंतिम पड़ाव एक मेट्रो स्‍टेशन को देखकर सब चौंक गए थे। वह सुबह 11.20 बजे द्वारका सेक्‍टर-21 मेट्रो स्‍टेशन पर पहुंचेंगी। दरअसल, इस मेट्रो स्‍टेशन का जर्मनी से संबंध है। इसलिए मर्केल कुछ देर यहां रुकना चाहती हैं। इस मेट्रो स्‍टेशन की छत पर सोलर पैनल्‍स लगाने के लिए जर्मनी की सरकार ने आर्थिक मदद की थी। 

नई दिल्‍ली. जर्मनी की चासंलर एंजेला मर्केल इस समय भारत यात्रा पर हैं। आज मर्केल वापस जर्मनी के लिए रवाना हो जाएंगी। लेकिन भारत यात्रा कार्यक्रम को जब सार्वजनिक किया गया तो उसमें उनका अंतिम पड़ाव एक मेट्रो स्‍टेशन को देखकर सब चौंक गए थे। वह सुबह 11.20 बजे द्वारका सेक्‍टर-21 मेट्रो स्‍टेशन पर पहुंचेंगी। दरअसल, इस मेट्रो स्‍टेशन का जर्मनी से संबंध है। इसलिए मर्केल कुछ देर यहां रुकना चाहती हैं। इस मेट्रो स्‍टेशन की छत पर सोलर पैनल्‍स लगाने के लिए जर्मनी की सरकार ने आर्थिक मदद की थी। 

जर्मनी दूतावास के प्रवक्‍ता क्रिश्चियन विंकलर ने बताया कि जर्मनी अक्षय ऊर्जा के इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए जर्मन विकास बैंक केएफडब्‍ल्‍यू ने मेट्रो स्‍टेशन की छत पर सोलर पैनल लगाने की परियोजना की फंडिंग की थी। उन्होंने कहाजब मर्केल मेट्रो स्‍टेशन पहुंचेंगी तो उनके सामने ई-रिक्‍शा सिस्‍टम का प्रदर्शन भी किया जाएगा। वह देखेंगी कि बैटरी से चलने वाले वाहन कैसे काम करते हैं। इससे साफ है कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने के लिए एक-दूसरे के देशों में इस्‍तेमाल होने वाले बेहतर विकल्‍पों के बारे में सीखने के लिए तैयार हैं

अब भारत की यह छवि बदल चुकी है
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पहले पश्चिमी देश भारत को हर बात में खामियां निकालने वाले देश के तौर पर देखता था। अब भारत की यह छवि बदल चुकी है। अब हम समाधान खोजने में सहयोगी बन चुके हैं। हमने 2015 में इंटरनेशनल सोलर अलायंस का गठन किया। यूरोप इसमें सबसे बड़े साझेदार के तौर पर उभरा। भारत-जर्मनी के संयुक्‍त बयान से स्‍पष्‍ट है कि दोनों देश पर्यावरण को बचाने के लिए साथ मिलकर हर काम करने को तैयार हैं।

मानेसर स्थित जर्मन कंपनी का दौरा भी करेंगी मार्केले
दोनों देशों के लिए स्‍थायी विकास लक्ष्‍य और पेरिस समझौता आपसी सहयोग की रूपरेखा तय करता है। इसमें कहा गया है कि भारत और जर्मनी में ऊर्जा व यातायात के साधनों में सफलतापूर्वक बदलाव के लिए दोनों देशों के बीच बेहतर समन्‍वय जरूरी है। मर्केल शनिवार को कारोबारियों से मुलाकात के बाद गुरुग्राम के नजदीक मानेसर में स्थित एक जर्मन कंपनी का दौरा भी करेंगी। मर्केल और पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इंटर-गवर्नमेटल कंसल्‍टेशन की पांचवे दौर की अध्‍यक्षता की।

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