1 सवाल और सीधे तीन गुनी सजा! इस्लामिक देश में हक की बात पर कोर्ट का अजीबोगरीब फैसला

Published : Mar 06, 2025, 10:18 PM IST
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सार

Morocco News: मोरक्को में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने भूकंप पीड़ितों की मदद पर सरकार से सवाल पूछे, जिसके बाद उसकी पहले से सुनाई गई सजा को सीधे बढ़ाकर तीन गुना कर दिया। वकील भी अदालत के इस फैसले से हैरान हैं। 

Morocco Latest News: क्या आपने कभी सुना है किसी सरकार से भूकंप को लेकर सवाल पूछे गए हों, लेकिन बदले में जवाब के उसे सीधे तीन गुनी सजा मिली हो। लेकिन ऐसा एक मामला इस्लामिक देश मोरक्को में सामने आया है। दरअसल, एक सोशल एक्टविस्ट ने सरकार से भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए किए गए कामों पर सवाल पूछा। लेकिन उसे ऐसा करना उस वक्त बेहद भारी पड़ गया, जब मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने उसे तीन गुना सजा सुना दी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मोरक्को में सामाजिक कार्यकर्ता सईद ऐत महदी ने 2023 में आए भूकंप के दौरान मारे गए और घायल पीड़ितों की आवाज उठाते हुए सरकार से इस मामले में सवाल पूछे कि उन्हें अब तक क्या-क्या राहत दी गई। इस पर सरकार ने उनके खिलाफ सरकारी नीतियों की आलोचना करने का आरोप लगाते हुए 23 दिसंबर, 2024 को हिरासत में लिया। इसके बाद, जनवरी 2025 में वहां की एक अदालत ने उन पर सरकार की मानहानि, अपमान और प्राइवेसी का उल्लंघन करने के मामले में 3 महीने की सजा सुनाई।

कोर्ट ने बरी किए लोगों को दोबारा सुनाई सजा

हालांकि, मंगलवार 4 मार्च को माराकेच की अपीलेट कोर्ट ने सईद ऐत महदी की सजा को सीधे तीन गुना बढ़ाते हुए एक साल कर दिया। महदी की सजा को लेकर उनके वकील मोहम्मद एल गलौसी ने कहा कि अदालत का ये फैसला वाकई अजीबोगरीब और चौंकानेवाला है। इस केस में तीन अन्य लोगों को शुरू में बरी किया जा चुका है, लेकिन अब अधिकारियों का अपमान करने के आरोप में उन्हें भी 4 महीने की सजा सुनाई गई है। वकील के मुताबिक, ये केस एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर था, जिसे लोकल ऑफिसरों ने आपत्तिजनक करार देते हुए पुलिस में शिकायत की थी।

सितंबर 2023 में आया था मोरक्को में खतरनाक भूकंप

बता दें कि मोरक्को के माराकेच शहर के साउथ में स्थित एल हाउज में सितंबर, 2023 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जो 1960 के बाद से मोरक्को का सबसे घातक भूकंप था। इसमें 2900 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि 5500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भूकंप के चलते एटलस पर्वत में बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा था। साथ ही पारंपरिक मिट्टी की ईंट, पत्थर और लकड़ी से बने कई घर और गांव तबाह हो गए थे। इसी भूकंप में मारे गए और घायल लोगों की मदद को लेकर सोशल एक्टिविस्ट सईद ऐत महदी ने सरकार और अफसरों से तीखे सवाल किए थे।

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