
प्योंगयांग। उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक ऐसे मिसाइल को टेस्ट किया है, जो अमेरिका तक मार कर सकता है। जापान और दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया ने 2017 के बाद पहली बार प्रतिबंधित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया है। जापानी अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल ने 1,100 किमी (684 मील) की उड़ान भरी और एक घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने के बाद जापानी समुद्र क्षेत्र में गिर गया। परमाणु हमला करने के लिए डिजाइन किए गए ICBM ने उत्तर कोरिया की स्ट्राइक रेंज (हमला करने की क्षमता) को अमेरिका की मुख्य भूमि तक बढ़ा दिया है।
ताकत बढ़ा रहा उत्तर कोरिया
नए मिसाइल टेस्ट को उत्तर कोरिया की ताकत में बड़ी वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है। पड़ोसियों और अमेरिका द्वारा इसकी निंदा की गई है। दरअसल, उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में मिसाइल परीक्षणों की झड़ी लगा दी है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने कहा है कि उनमें से कुछ परीक्षण, जिनके बारे में प्योंगयांग ने दावा किया था कि वे उपग्रह प्रक्षेपण थे, वास्तव में आईसीबीएम प्रणाली के कुछ हिस्सों के परीक्षण थे।
6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई तक पहुंची मिसाइल
जापानी अधिकारियों के अनुसार गुरुवार को टेस्ट की गई मिसाइल पांच साल पहले उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल की तुलना में नई और अधिक शक्तिशाली प्रतीत हुई। यह 6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई तक पहुंच गई। दक्षिण कोरिया की सेना ने जमीन, समुद्र और हवा से अपने पांच मिसाइलों का परीक्षण कर उत्तर कोरिया को जवाब दिया।
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के "बेरहम उल्लंघन" के लिए उत्तर कोरिया की निंदा की। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि कूटनीति के लिए दरवाजा बंद नहीं हुआ है, लेकिन प्योंगयांग को अस्थिर करने वाली अपनी कार्रवाई तुरंत बंद करनी चाहिए। वहीं, निवर्तमान दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल टेस्ट की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण के निलंबन का उल्लंघन है। इसका वादा अध्यक्ष किम जोंग-उन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किया था।
यह भी पढ़ें- Russia Ukraine War: यूके देगा यूक्रेन को 6,000 डिफेंस मिसाइल, ज़ेलेंस्की का छलका दर्द
परमाणु हमला करने की क्षमता का विस्तार कर रहा उत्तर कोरिया
सियोल के ईवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लीफ-एरिक इस्ले ने कहा कि किम शासन दक्षिण कोरिया को सैन्य खतरों के लिए बंधक बनाए रखने के लिए दृढ़ है। इसके साथ ही वह अमेरिकी मातृभूमि तक परमाणु हमला करने की क्षमता का विस्तार कर रहा है ताकि वाशिंगटन अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए नहीं आए। उत्तर कोरिया यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के पैमाने पर आक्रमकता शुरू करने के करीब नहीं है, लेकिन प्योंगयांग की महत्वाकांक्षाएं आत्मरक्षा से अधिक है। वह एशिया में युद्ध के बाद की सुरक्षा व्यवस्था को उलटना चाहता है।
उत्तर कोरिया के पास हैं 13 हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने वाले मिसाइल
बता दें कि उत्तर कोरिया के पास लंबी दूरी तक मार करने वाले कई मिसाइल हैं। इनमें सबसे प्रमुख ह्वासोंग-15 है। अनुमान के अनुसार यह 13 हजार किलोमीटर दूर तक मार कर सकता है। उत्तर कोरिया अपने मिसाइलों को अधिक ऊंचाई तक भेजकर टेस्ट करता है। मिसाइल दूरी भले कम तय करे, लेकिन ऊंचाई अधिक हासिल करती है। इससे मिसाइल के अधिकतम रेंज का पता चल जाता है।
यह भी पढ़ें- एक हजार लोग थियेटर में छिपे थे, रूसी सेना ने गिराया बम, धमाके में जिंदा बची महिला ने सुनाई आपबीती
28 नवंबर 2017 को उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग-15 का टेस्ट किया था। यह मिसाइल 4500 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया था और करीब एक हजार किलोमीटर दूर गिरा था। अनुमान के अनुसार यह जमीन पर मौजूद टारगेट की ओर लॉन्च किए जाने पर करीब 13 हजार किलोमीटर तक मार कर सकता है। गुरुवार को उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल को टेस्ट किया उसने 6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई हासिल की। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका रेंज 13 हजार किलोमीटर से काफी अधिक होगा।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।