
Israel-Gaza War: गाजा में जंग के चलते हालात हर दिन और खराब होते जा रहे हैं। एक तरफ इजरायली हमलों में लोग मारे जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ भूख और कुपोषण भी फिलिस्तीनी लोगों की जान ले रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि रोटी और दवा के लिए तड़प रहे लोग धीरे-धीरे मौत के मुंह में जा रहे हैं। गाजा सिटी के एक अस्पताल में बुधवार को छह हफ्ते के मासूम यूसेफ की भूख से मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन सिर्फ थोड़ा सा लिक्विड दे सके।
बीते दो महीनों में सैकड़ों बच्चे और बुजुर्ग भूख और कुपोषण के कारण दम तोड़ चुके हैं। साथ ही दवाइयों की भारी कमी के कारण भी कई लोगों की जान जा चुकी है।
स्थिति और भी दर्दनाक तब हो जाती है जब लोग भूख-प्यास से परेशान होकर मदद पाने के लिए स्वयंसेवी संगठनों के फूड सेंटर तक पहुंचते हैं, लेकिन वहां इजरायली सेना की गोलीबारी का सामना करना पड़ता है। बीते सात हफ्तों में ऐसी घटनाओं में एक हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
गाजा में युद्ध की मार झेल रहे लोगों के लिए हर दिन जीना मुश्किल होता जा रहा है। इजरायली हमलों के साथ-साथ अब भूख भी जानलेवा बन गई है। हालात इतने खराब हैं कि छोटे बच्चों को दूध तक नहीं मिल पा रहा है। पश्चिम एशिया और दुनिया के कई हिस्सों में काम करने वाले 111 राहत और मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि गाजा में भविष्य में हजार लोगों की भुखमरी से मौत हो सकती है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने इन हालात के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इजरायल को बेवजह बदनाम किया जा रहा है।
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गाजा में बीते कुछ दिनों में इजरायली हमलों में 21 लोगों की मौत हुई है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में मारे गए फलस्तीनी नागरिकों की संख्या 59 हजार से ज्यादा हो चुकी है।
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