समझौता नहीं तो खुली जंग होगी! पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की अफगानिस्तान को बड़ी चेतावनी

Published : Oct 25, 2025, 09:27 PM IST
pakistan afghanistan border clashes

सार

Pakistan Afghanistan Border Clash: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है कि अगर इस्तांबुल में चल रही पाकिस्तान-अफगानिस्तान वार्ता विफल रही, तो दोनों देशों के बीच खुली जंग छिड़ सकती है। हालांकि, शांति समझौते की कोशिशें जारी हैं। 

Pakistan Warns Afghanistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। दोनों देशों के बीच हालिया सीमा संघर्ष के बाद भले ही युद्धविराम (Ceasefire) लागू हो गया हो, लेकिन अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने चेतावनी दी है कि अगर इस्तांबुल में चल रही वार्ता में समझौता नहीं हुआ, तो खुली जंग हो सकती है। उनका यह बयान उस समय आया है, जब दोनों देशों के बीच कुछ दिनों से स्थिति शांत बनी हुई है।

इस्तांबुल में पाकिस्तान-अफगानिस्तान वार्ता

शनिवार (25 अक्टूबर) से इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय वार्ता शुरू हुई है, जो रविवार तक चल सकती है। इन चर्चाओं का मकसद दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष को खत्म करना है, ताकि दोहा युद्धविराम (Doha Ceasefire) लंबे समय तक लागू रह सके।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की चेतावनी

इस बीच ख्वाजा आसिफ ने कहा, 'पिछले चार से पांच दिनों में युद्धविराम का पालन दोनों देशों ने किया है। अभी कोई नई झड़प नहीं हुई है। लेकिन अगर समझौता नहीं होता है, तो हमारे पास खुली जंग का विकल्प रहेगा।' लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि 'मैंने देखा कि अफगानिस्तान शांति चाहता है।'

पाकिस्तान-अफगानिस्तान में विवाद क्यों?

हाल ही में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा संघर्ष हुए, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि तालिबान शासन आतंकी समूहों को शरण दे रहा है, जो पाकिस्तान के अंदर हमले कर रहे हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अफगान सीमा के अंदर एयरस्ट्राइक कीं, जिससे दोनों ओर भारी गोलीबारी हुई और कई मुख्य बॉर्डर क्रॉसिंग बंद करनी पड़ीं, जो अब तक बंद हैं।

पाकिस्तान और तालिबान में आरोप-प्रत्यारोप

इस्लामाबाद का आरोप है कि तालिबान आतंकी ठिकानों को पनाह दे रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ हमलों को रोकने में असफल रहा है। जबकि तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई अफगान संप्रभुता का उल्लंघन है। दोनों देशों के बीच यह तनाव तालिबान के 2021 में काबुल पर कब्जे के बाद सबसे बड़ा माना जा रहा है।

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