
Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत सीमावर्ती इलाकों में भीषण गोलीबारी हुई। इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कई ऐसे बयान दे बैठे, जो न सिर्फ भारत में बल्कि पाकिस्तान में भी मजाक का विषय बन गए।
25 अप्रैल को Sky News को दिए एक इंटरव्यू में आसिफ ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद का समर्थन करता रहा है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हमने अमेरिका और ब्रिटेन के लिए तीन दशकों तक गंदा काम किया, ये एक गलती थी और हमने इसकी कीमत चुकाई है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मदरसे और उनके छात्र देश की 'दूसरी रक्षा पंक्ति' हैं। उनके इस बयान की पाकिस्तान में तीखी आलोचना हुई। मानवाधिकार कार्यकर्ता ताहिरा अब्दुल्ला ने कहा कि इससे पाकिस्तान की पहले से ही बिगड़ी छवि और खराब हो रही है। इससे स्पष्ट है कि बच्चों का ब्रेनवाश कर उनको कट्टरता की राह पर ले जाया जा रहा है।
आसिफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय ड्रोन को इंटरसेप्ट नहीं किया ताकि उनके सैन्य ठिकानों की जानकारी बाहर न जाए। विशेषज्ञों ने इसे पाकिस्तान की वायु सुरक्षा प्रणाली की कमजोरी छिपाने की कोशिश बताया।
CNN को दिए इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि पांच भारतीय फाइटर प्लेन गिराने का सबूत कहां है तो उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सब कुछ है। एंकर ने जब तर्कसंगत साक्ष्य की मांग की तो आसिफ चुप्पी साध गए।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के बाद, ख्वाजा आसिफ ने धमकी दी कि अगर पाकिस्तान का अस्तित्व खतरे में पड़ा तो कोई भी नहीं बचेगा। इस बयान को परमाणु धमकी की तरह देखा गया और व्यापक आलोचना हुई।
2023 में भी आसिफ ने इमरान खान की पार्टी की महिला सांसदों को कचरा कहा था और बाद में अपने बयान को जेंडर इक्वलिटी के नाम पर सही ठहराया था। उनके ऐसे बयानों की पाकिस्तान में भी तीखी आलोचना होती रही है।
पाकिस्तानी जनता और नेताओं की नाराज़गी
PTI सांसद ज़र्ताज गुल ने कहा कि अगर अंग्रेज़ी नहीं आती तो इंटरनेशनल मीडिया में मत जाओ। अगर देश की रक्षा नहीं कर सकते तो सरकार और पढ़े-लिखे लोगों को भेजो। सोशल मीडिया पर भी आसिफ को 'शर्मनाक' और 'अयोग्य' बताया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।