
नई दिल्ली: पाकिस्तान की नौसेना ने 54 साल बाद पीएनएस गाजी नाम की पनडुब्बी को अपने बेड़े में शामिल किया है। 1971 की जंग में भारत ने विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाजी को डुबो दिया था। पीएनएस गाजी के डूबने के बाद पाकिस्तान का युद्ध में आत्मविश्वास खत्म हो गया था। इसके बाद, उसने सरेंडर की घोषणा कर दी थी। वैसे, पाकिस्तान ने कभी यह नहीं माना कि भारत ने उसकी पनडुब्बी डुबोई थी। जियो टीवी के मुताबिक, पाकिस्तान ने अब जिस पनडुब्बी का नाम गाजी रखा है, उसे चीन से खरीदा है। पिछली गाजी पनडुब्बी अमेरिका से खरीदी गई थी। उसका मलबा आज भी विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास मौजूद है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने जिस पनडुब्बी का नाम गाजी रखा है, वह चीन की टाइप 039A/039B पनडुब्बी है। इस पनडुब्बी को चीन ने कराची बंदरगाह पर बनाया है। पाकिस्तान इस पनडुब्बी को मेड इन पाकिस्तान मान रहा है। 2015 में पाकिस्तान ने इस पनडुब्बी को खरीदने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर दस्तखत किए थे। यह पनडुब्बी 2026 में पाकिस्तान को सौंपी जाएगी। नेवल टुडे के मुताबिक, नई पनडुब्बी पीएनएस गाजी का वजन करीब 2800 टन है। इसकी लंबाई 77 मीटर है। इस पनडुब्बी में 35 से 40 क्रू मेंबर्स रह सकते हैं।
इस पनडुब्बी की रफ्तार समुद्र में 20 नॉट्स है। पीएनएस गाजी में अंडरग्राउंड लॉन्च क्रूज मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। इस पनडुब्बी की खास बात यह है कि समुद्र में चलते समय इसका पता नहीं लगाया जा सकता। यानी, जब यह समुद्र में किसी ऑपरेशन के लिए निकलेगी, तो किसी को इसकी भनक तक नहीं लगेगी।
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान, जब आईएनएस विक्रांत पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहा था, तो पाकिस्तान ने विक्रांत को डुबोने के लिए पीएनएस गाजी नाम की पनडुब्बी को बंगाल की खाड़ी में भेजा। बंगाल की खाड़ी पहुंचने से पहले पनडुब्बी को श्रीलंका ले जाया गया। उस समय यह खबर फैली कि आईएनएस विक्रांत विशाखापत्तनम में है।
असल में, उस समय विक्रांत विशाखापत्तनम में नहीं था। भारतीय सैन्य एजेंसियों ने पाकिस्तान को गुमराह करने के लिए जानबूझकर यह खबर फैलाई थी। जैसे ही पाकिस्तान को यह खबर मिली, पीएनएस गाजी को विशाखापत्तनम की ओर भेज दिया गया। विशाखापत्तनम पहुंचने से पहले ही गाजी के अंदर ईंधन का रिसाव शुरू हो गया। क्रू मेंबर्स की कोशिशों के बावजूद, ईंधन का रिसाव रोका नहीं जा सका। इधर, विशाखापत्तनम बंदरगाह पर तैनात आईएनएस राजपूत जहाज ने उस पर हमला कर दिया। कुछ ही देर बाद, विशाखापत्तनम बंदरगाह के पास एक बड़ा धमाका हुआ। यह गाजी पनडुब्बी का धमाका था। इसके बाद, पीएनएस गाजी मलबे में तब्दील हो गई।
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