पुलवामा हमले पर कबूलनामे के बाद इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी अपने ही घर में घिर गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया और वहां के नागरिकों ने फवाद को सोच समझकर बोलने की हिदायत कर दे डाली। दरअसल, फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी संसद में पुलवामा में आतंकी हमले को इमरान सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी बताया था। हालांकि, बाद में वे अपने ही बयान से पलट गए थे।
नई दिल्ली. पुलवामा हमले पर कबूलनामे के बाद इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी अपने ही घर में घिर गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया और वहां के नागरिकों ने फवाद को सोच समझकर बोलने की हिदायत कर दे डाली। दरअसल, फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी संसद में पुलवामा में आतंकी हमले को इमरान सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी बताया था। हालांकि, बाद में वे अपने ही बयान से पलट गए थे।
क्या कहा मीडिया ने?
पाकिस्तान के बोल न्यूज ने कहा, फवाद चौधरी के बयान ने बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। अयाज सादिक के बाद फवाद चौधरी के बायन ने और ज्यादा नुकसान पहुंचाया। पहले तो पुलवामा का आरोपी पाकिस्तान पर लग रहा था, लेकिन भारत को पास कोई सबूत नहीं था, लेकिन फवाद चौधरी ने संसद में खुद ही बयान दे दिया। लेकिन जब भारतीय मीडिया पर उनका बयान चला तो अब वे पलट गए और कह रहे हैं कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।
नेताओं को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए: पाकिस्तान मीडिया
पाकिस्तान मीडिया के एक डिबेट के दौरान कहा गया, एंकर ने पूछा, फवाद चौधरी के बयान को पुलवामा हमले का चार्जशीट करार दिया। उन्होंने कहा कि यह तो पाकिस्तान की चार्जशीट दे दी। तब उस्मान डार (पाकिस्तान के नेता) ने कहा, हर किसी को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए। घबराहट की भी बात नहीं कहनी चाहिए थी। अयाज सादिक के बयान से भी पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा है। पैनल में ही दूसरे व्यक्ति ने कहा, वह बयान इसलिए हमारे लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है कि अभी हम एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट है। और घुस कर मारा तो यह तो इंडियन फिल्म का डॉयलॉग है। इसका तो कोई मतलब ही नहीं है। जिम्मेदारी से नेताओं को बयान देना चाहिए।
सोशल मीडिया पर लोगों ने लगाई लताड़
पाकिस्तानी नागरिक फवाद चौधरी पर अपने देश को शर्मिंदा करने का आरोप लगा रहे हैं। यहां तक की सोशल मीडिया पर FawadEmbarassedPakistan हैशटैग भी चल रहा है। पाकिस्तान के तमाम पत्रकारों ने भी फवाद की आलोचना की है।
फवाद चौधरी ने असेंबली में क्या कहा था?
उन्होंने कहा था, आप असेंबली के फ्लोर के ऊपर बातें कर रहे हैं। और झूठ इतने कॉन्फिडेंट से बोल रहे हैं कि झूठा शख्स भी क्या बात करेगा? जिस एतमाद से आकर उन्होंने ये बाते की कि महमूद कुरैशी साहब की टांगे कांप रही थीं। हिन्दुस्तान हमला कर रहा है। हमने हिन्दुस्तान को घुसकर मारा है। और पुलवामा में जो कामयाबी है, वह इमरान खान की सरकार में बड़ी कामयाबी है। उसके हिस्सेदार आप भी सब हैं।
'अपने बयान से पलटे फवाद'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, दो वाक्ये हुए थे। एक 14 फरवरी को हुआ था और दूसरा 26 फरवरी को। मैंने अपने भाषण में जिस घटना का जिक्र किया, वह 26 फरवरी की है। जब हिंदुस्तान ने जुर्रत की थी पाकिस्तान की सीमा में घुसने की। तब हमने मुंहतोड़ जवाब दिया था। फवाद चौधरी ने कहा, मेरा पूरा भाषण सुनिए तब बात क्लियर होगी। 14 फरवरी को जो कुछ हुआ, वह निश्चित तौर पर दहशतगर्दी थी। हमारे पीएम ने भी बात की थी। हमने आपको ऑफर किया था कि आप आइए, सबूत दीजिए, साथ में पड़ताल करते हैं। लेकिन आपने वह भी नहीं किया।
बयान देने के बाद क्यों डरा पाकिस्तान?
दरअसल, पाकिस्तान की तरफ से यह बयान ऐसे ही नहीं आया है। बुधवार को पाकिस्तान नेशनल असेंबली में मुस्लिम लीग-एन के नेता अयाज सादिक ने एक मीटिंग का हवाला देते हुए बताया कि अगर अभिनंदन को रिहा नहीं करते तो पाकिस्तान हमला कर देता। उन्होंने कहा था, "विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक अहम मीटिंग में कहा था कि अगर हम अभिनंदन को नहीं छोड़ते तो भारत रात 9 बजे तक हमला कर देता।" अयाज सादिक ने विपक्षी नेताओं को बताया, "मुझे याद है कि मीटिंग के दौरान आर्मी चीफ बाजवा कमरे में आए, उस समय उनके पैर कांप रहे थे और वे पसीना-पसीना थे।" इसी पर सफाई देने हुए फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले की बात कबूल की।
14 फरवरी 2019 को हुआ था पुलवामा हमला
14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों को ले जाने वाले सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 45 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान गयी थी। यह हमला जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के अवन्तिपोरा के पास लेथपोरा इलाके में हुआ था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, हालांकि, पाकिस्तान ने हमले की निंदा की और जिम्मेदारी से इनकार किया था।