Pakistan बेनकाब: Afghanistan की मददगार बनने वाली इमरान सरकार नहीं दे रही गेहूं ट्रांसपोर्ट की इजाजत

भारतीय पक्ष ने 7 अक्टूबर को वाघा के जरिए 50,000 टन गेहूं और दवाएं भेजने का प्रस्ताव रखा था। इसका जवाब पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को दिया था।

इस्लामाबाद। दुनिया को अफगानिस्तान (Afghanistan) की मदद के लिए चिल्ला रहे पाकिस्तान (Pakistan) का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। एक तरफ वह अफगानिस्तान की मदद के लिए हर प्लेटफार्म पर चिल्ला-चिल्लाकर तालिबान (Taliban) को खुश करने की कोशिशों में लगा हुआ है तो दूसरी ओर मदद को आगे आ रहे देशों की राह में रोड़े अटका रहा है। करीब तीन महीने पहले ही भारत ने मानवीय मदद को हाथ आगे बढ़ाते हुए अफगानिस्तान को पचास हजार टन गेहूं भेजने के लिए वाघा बार्डर (Wagah Border) के जरिए पेशकश की थी लेकिन प्रस्ताव का जवाब पाकिस्तान ने तीन महीने बाद सशर्त दिया है। भारतीय पक्ष ने 7 अक्टूबर को वाघा के जरिए 50,000 टन गेहूं और दवाएं भेजने का प्रस्ताव रखा था। इसका जवाब पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को दिया था। पाकिस्तान ने कहा कि वह भारतीय राहत सामग्री को केवल अफगान ट्रकों में ही भेजने की अनुमति देगा।

पाक की असंभव शर्त

Latest Videos

वाघा बॉर्डर जमीन के माध्यम से गेहूं की शिपिंग के लिए पाकिस्तान द्वारा पहले से ही कई शर्तें जुड़ी हुई थीं। पाकिस्तान ने भारतीय पक्ष से कहा कि 50,000 टन की पूरी खेप दिसंबर महीने के भीतर ही पहुंचा दी जानी चाहिए। मामले के जानकारों ने कहा कि लगभग 30 से 40 अफगान ट्रक वर्तमान में वाघा बॉर्डर पर आते और जाते हैं और कम समय के भीतर मार्ग के माध्यम से 50,000 टन गेहूं का परिवहन करना असंभव होगा।

तालिबान कई बार पाकिस्तान से बात कर चुका लेकिन...

काबुल में मौजूद 'तालिबान सरकार' ने भी अफगानिस्तान में मानवीय संकट के बीच खाद्य पदार्थों की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया था। कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर में इस्लामाबाद का दौरा किया था और विशेष रूप से शीर्ष पाकिस्तानी नेताओं के साथ भारत से गेहूं के शिपमेंट की अनुमति देने के मुद्दे पर चर्चा की थी। 12 नवंबर को, भारत को औपचारिक मंजूरी दिए जाने से काफी पहले, प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय ने मुत्ताकी के साथ उनकी मुलाकात पर ट्वीट कर जानकारी दी थी। इसमें बताया गया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने "भारत से गेहूं के शिपमेंट के लिए अफगान भाइयों द्वारा किए गए अनुरोध पर अनुकूल रूप से विचार करने" का आश्वासन दिया है।

भारत स्पेशल चार्टर्ड विमान से भेज चुका है लाइफ सेविंग ड्रग्स

भारत 11 दिसंबर को काबुल के लिए एक विशेष चार्टर उड़ान से अफगानिस्तान के लिए 1.6 टन जीवन रक्षक दवाएं भेजी हैं। उस विमान से वापसी में काबुल से नई दिल्ली 104 लोग आए, जिनमें से ज्यादातर अफगान सिख और हिंदू थे। वहीं विमान से 85 अफगानों अपने देश लौटे जो अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद से भारत में फंसे थे। 

तालिबान ने की भारत की तारीफ

काबुल में इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान में इस्तेमाल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सौंपी गई दवाओं की सप्लाई के लिए तालिबान ने प्रशंसा की थी। भारतीय पक्ष तालिबान शासन को मान्यता नहीं देता है, लेकिन बार-बार कहता है कि वह मानवीय संकट को देखते हुए अफगान लोगों को सहायता प्रदान करेगा। चूंकि दोनों देशों के बीच कोई सीधी उड़ान नहीं है, इसलिए भारतीय पक्ष ने प्रस्ताव दिया कि गेहूं को पाकिस्तान के रास्ते ले जाया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

'लड़की केवल मां की कोख में या कब्र में सुरक्षित', अकथनीय दर्द बयांकर छात्रा ने की सुसाइड, यौन उत्पीड़न से आई थी तंग

Jammu Kashmir में होगी 90 विधानसभा की सीटें, परिसीमन आयोग ने भेजा प्रस्ताव, SC के लिए भी 7 सीटें रिजर्व

अंधेरे में डूब रही Pakistani आवाम पर मेहरबान हुआ World bank, Electricity के लिए 195 million dollar का दिया loan

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट