पाक की नापाक चाल, इन तीन शर्तों के साथ भेजा कुलभूषण जाधव को 'राजनयिक मदद' देने का प्रस्ताव

पाकिस्तान की जेल बंद भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव शुक्रवार शाम को 3:30  बजे मुलाकात की अनुमति देगा। साथ ही पाकिस्तान ने कहा- भारतीय अधिकारियों के साथ होने वाली जाधव की बातचीत को रिकॉर्ड भी करेगा।

Asianet News Hindi | Published : Aug 2, 2019 2:49 AM IST / Updated: Aug 02 2019, 08:26 AM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान शुक्रवार शाम 3:30  बजे मुलाकात की अनुमति देगा। पाकिस्तान ने जाधव को अकेले भारतीय अधिकारियों से मुलाकात में तीन शर्तें लगाई हैं। पाकिस्तान का कहना है कि वह भारतीय अधिकारियों के साथ होने वाली जाधव की बातचीत को रिकॉर्ड भी करेगा। इस बीच पाकिस्तान की शर्तों के साथ दिए गए प्रस्ताव पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- अभी वह इसपर विचार कर रहे हैं। पूरे आकलन के बाद ही कूटनीतिक तरीके से प्रस्ताव का जवाब दिया जाएगा। 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पाक जेल में बंद कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी थी। साथ ही आईसीजे ने पाकिस्तान से भारत को कुलभूषण मामले में  कॉन्स्युलर एक्सेस देने के लिए कहा था। 

पाकिस्तान की तीन शर्तें
इन तीन शर्तों में जाधव से जिस रूम में भारतीय अधिकारी बातचीत करेंगे, उसमें पाकिस्तानी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। दूसरी शर्त कमरे में सीसीटीवी कैमरा भी होगा। तीसरी शर्त पाकिस्तान बातचीत को रिकॉर्ड भी करेगा। पाकिस्तान का कहना है कि वैश्विक मानकों और भारतीय कानूनों के तहत ये सभी शर्तें सही हैं। 

2017 में पाकिस्तान आर्मी ने सुनाई थी फांसी की सजा

पाकिस्तानी सेना ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान का आरोप है कि भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक जासूस है। पाक का दावा है कि जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुआ था। वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से किडनैप किया गया। जाधव वहां नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस करने की कोशिश में थे।

भारत ने मई 2017 में आईसीजे के समक्ष यह मामला उठाया था। साथ ही पाक पर राजनयिक मदद न मुहैया करवाने का आरोप लगाया था। भारत ने पाक सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी थी। इस पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। साथ ही कहा था कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी।

'पाक ने विएना संधि का उल्लंघन किया'
आईसीजे ने कहा था, ''पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। भारत को जाधव के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। साथ ही पाक ने  भारत की कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए की गईं अपीलों को भी ठुकरा दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।''

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