
Modi Xi Jinping Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सात साल बाद चीन पहुंचे हैं। यह यात्रा कूटनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है। हाल के दिनों में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ा है, ऐसे में चीन का यह दौरा और भी खास हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी चीन के तियानजिन शहर पहुंचे हैं, जहां वे SCO के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अहम मुलाकात होगी। इस बैठक पर भारत और चीन के साथ-साथ पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।यह सम्मेलन 31 अगस्त और 1 सितंबर को आयोजित होगा। प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार जून 2018 में चीन के दौरे पर गए थे। ऐसे में सात साल बाद होने वाली यह मुलाकात भारत-चीन रिश्तों की नई दिशा तय करने वाली साबित हो सकती है।
बता दें कि 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। अब दोनों देश उस तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बैठक में सीमा पर शांति बनाए रखने, व्यापार बढ़ाने और भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने जैसे अहम मुद्दों पर बात हो सकती है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अक्टूबर 2019 में भारत आ चुके हैं, लेकिन जून 2020 की गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। इसे सुधारने के लिए हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने भी भारत का दौरा किया था।
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साथ ही, वैश्विक व्यापार में हाल के तनाव को देखते हुए, दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर भी ध्यान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिलने से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी बात की। मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि भारत यूक्रेन में युद्ध समाप्ति के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध का अंत तत्काल युद्धविराम से होना चाहिए। इस बातचीत के बाद मोदी ने ट्वीट में लिखा कि दोनों नेताओं ने संघर्ष, इसके मानवतावादी पहलू और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के प्रयासों पर चर्चा की, और भारत इस दिशा में सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
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