
Next Pope Election: ईस्टर के एक दिन बाद पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। वेटिकन ने पोप फ्रांसिस के निधन की पुष्टि की है। पूरे विश्व में कैथोलिक समुदाय के लिए आज का दिन गहरे शोक का है। वेटिकन ने सोमवार को आधिकारिक रूप से ऐलान किया कि पोप फ्रांसिस (Pope Francis) का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल (Cardinal Kevin Farrell) ने कहा: आज सुबह 7:35 बजे रोम के बिशप फ्रांसिस प्रभु के पास लौट गए। उन्होंने अपना पूरा जीवन चर्च और प्रभु की सेवा को समर्पित कर दिया।
जॉर्ज मारियो बर्गोलियो (Jorge Mario Bergoglio) के रूप में जन्मे पोप फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी और पहले जेसुइट पोप थे। 2013 में उन्होंने पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद पद संभाला। उनके कार्यकाल में उन्होंने वेटिकन में फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी, पर्यावरण सुरक्षा (Laudato Si') और बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर कड़े कदम उठाए।
बीते वर्षों में पोप फ्रांसिस को श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझना पड़ा, हाल ही में उन्हें डबल निमोनिया हुआ था। इसके बावजूद वे सक्रिय रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे।
वेटिकन की सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, अब एक ‘पैपल कॉन्क्लेव’ (Papal Conclave) बुलाया जाएगा जिसमें 80 वर्ष से कम उम्र के 138 कार्डिनल शामिल होंगे। ये सभी कार्डिनल सिस्टीन चैपल (Sistine Chapel) में गोपनीय मतदान के माध्यम से नया पोप चुनेंगे। पोप की मृत्यु के लगभग 15 से 20 दिनों के भीतर Papal Conclave आयोजित होता है। इस प्रक्रिया के दौरान कार्डिनल्स को सिस्टीन चैपल (Sistine Chapel) में पूरी दुनिया से काटकर रखा जाता है। इस दौरान ना कोई फोन इस्तेमाल होता है, ना मीडिया मौजूद रहती, वहां सिर्फ आत्मचिंतन और वोटिंग होती है। हर वोटिंग के बाद बैलेट जलाए जाते हैं, अगर काले धुएं (Black Smoke) का संकेत मिलता है तो समझा जाता है कि कोई निर्णय नहीं हुआ है।
हर दिन चार बार वोटिंग होती है और जब कोई कार्डिनल दो-तिहाई बहुमत प्राप्त कर लेता है तो श्वेत धुआं (White Smoke) निकाला जाता है जो नए पोप के चुने जाने का संकेत होता है। इसके साथ ही ‘Habemus Papam’ की घोषणा होती है-हमारे पास नया पोप है।
भारत के छह कार्डिनल्स में से चार ऐसे हैं जो अगली वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे जबकि कार्डिनल जॉर्ज एलेंचेरी और ओस्वाल्ड ग्रेसियस उम्र के कारण अयोग्य हैं।
1. कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ (Filipe Neri Ferrao)
2. कार्डिनल क्लीमिस बासेलियस (Cleemis Baselios)
3. कार्डिनल एंथनी पूला (Anthony Poola)
4. कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवकड़ (George Jacob Koovakad)
अब जब पोप फ्रांसिस का युग समाप्त हुआ है, दुनिया भर की निगाहें वेटिकन और सिस्टीन चैपल की ओर हैं, जहां अगला पोप चुना जाएगा। भारत के भी चार कॉर्डिनल पोप के चुनाव में भाग लेंगे।
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