अफगानिस्तान में ऐसा फैला आतंक, तालिबान के डर से वोट देने घर से नहीं निकले लोग

अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में हमलों और फर्जीवाड़े की आशंका के कारण पिछले तीन चुनावों की तुलना में संभवत: सबसे कम वोटिंग हुई।

Asianet News Hindi | Published : Sep 30, 2019 7:12 AM IST / Updated: Sep 30 2019, 12:43 PM IST

काबुल(Kabul). अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में हमलों और फर्जीवाड़े की आशंका के कारण पिछले तीन चुनावों की तुलना में संभवत: सबसे कम वोटिंग हुई। अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शनिवार को पहले दौर का वोटिंग हुई थी। यह चुनाव तय करेगा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी दूसरी बार देश की कमान संभालेंगे या नहीं।


निर्वाचन आयोग ने जारी किए आंकड़े
3 करोड़ 50 लाख की आबादी वाले देश में 96 लाख लोगों ने वोटिंग के लिए पंजीकरण कराया था। 4,905 पोलिंग बूथ पर वोटिंग हुई। स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों में दर्शाया गया कि 3,736 पोलिंग बूथ से एकत्र आंकड़ों के अनुसार करीब 21 लाख 90 हजार वोटों की गणना की गई।
यदि ऐसा ही रुख बना रहता है तो कुल मतदान प्रतिशत करीब 25 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह मत प्रतिशत इससे पहले राष्ट्रपति पद के तीन चुनावों में सर्वाधिक कम है। वर्ष 2014 में मत प्रतिशत 50 प्रतिशत से थोड़ा कम था।


एंतोनियो गुतारेस ने  बढ़ाया वोटर्स का हौसला
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने "अपनी लोकतांत्रिक आवाज का प्रयोग करने वाले अफगानिस्तान के लोगों" की सराहना की और "मत पत्रों के जरिए अपने नेताओं को चुनने की प्रतिबद्धता के लिए उन्हें बधाई" दी।


तालिबान ने पोलिंग बूथ पर किया था हमला
वोटिंग के दिन तालिबान ने एक पोलिंग बूथ पर हमला किया था, जिसमें 15 लोग घायल हो गए थे। तालिबान ने वोटिंग न करने की धमकी दी थी।  

 


[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]

Share this article
click me!