225 सदस्यों वाले संसद में महज एक सांसद वाली पार्टी के रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के पीएम, जानिए पूरी कहानी

आर्थिक रूप से बर्बाद हो चुके श्रीलंका में राजनीतिक उठापटक तेज हो चुकी है। लोगों के गुस्से की वजह से पीएम महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा के बाद अब रानिल विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री बनाया गया है। 

कोलंबो। श्रीलंका की सत्ता में बड़ा फेरबदल हो गया है। रानिल विक्रमसिंघे को देश का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है। वर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा के बाद पूर्व पीएम रानिल विक्रमसिंघे को देश की कमान सौंपी गई है। बर्बाद हो चुके श्रीलंका में जनता विद्रोह पर उतर आई है। सरकार में बैठे लोगों को लगातार जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। विद्रोह की वजह से पुलिस व सेना लगाई जा चुकी है। श्रीलंका के नए पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ लेने के बाद कहा कि मैंने अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने की चुनौती ली है और मुझे इसे पूरा करना ही होगा। सड़कों पर डेरा डाले प्रदर्शनकारियों से बातचीत के सवाल पर पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि  उन्हें रहना चाहिए। हम चाहते हैं कि वे रहें। अगर वे बात करना चाहते हैं, तो वह किसी भी समय बातचीत को तैयार हैं।

राष्ट्रपति कार्यालय ने शपथ लेने की दी जानकारी

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श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय ने नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के पीएम पद की शपथ लेने की जानकारी दी है। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सोमवार को और अफरातफरी मच गई जब निवर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने जनदबाव को देखते हुए इस्तीफा दे दिया। जनता के गुस्से को शांत करने के लिए राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे को पीएम बनाने का ऐलान किया है। बता दें कि रानिल विक्रमसिंघे की यूएनपी पार्टी का 225 सदस्यों वाले श्रीलंका की संसद में महज एक सदस्य है। 
गोटाबया राजपक्षे ने एक दिन पहले ऐलाना किया था कि मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने और देश को अराजकता की ओर बढ़ने से रोकने के लिए देश में वह एक प्रधान मंत्री और मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे। नई सरकार संसद में बहुमत भी हासिल करेगी। सूत्रों ने संकेत दिया कि राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने संबोधन से पहले और बाद में पीएम रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत की और एक समझौता हुआ।

चार बार प्रधानमंत्री पद पर रह चुके हैं रानिल विक्रमासिंघे

प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के सर्वेसर्वा हैं। अनुभवी राजनेता विक्रमसिंघे देश के चार बार प्रधानमंत्री पद पर रह चुके हैं। हालांकि, 2019 में आतंरिक कलह व अन्य वजहों से उनको प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। रानिल विक्रमसिंघ, देश के सबसे मजबूत राजनीतिक परिवार राजपक्षे परिवार के करीबी संबंधों के लिए भी जाने जाते हैं। 

वकालत की डिग्री हासिल करने वाले विक्रमसिंघे मंझे हुए पॉलिटिशियन

रानिल विक्रमसिंघे के संसदीय करियर की शुरूआत 1977 में हुई थी। वह पहली बार सांसद चुने गए थे। वकालत की डिग्री हासिल करने वाले विक्रमसिंघे देश के अनुभवी नेताओं में शुमार हैं। श्रीलंका में विभिन्न मंत्रालयों के मंत्री रह चुके 73 वर्षीय विक्रमसिंघे 1993 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद वह चार बार पीएम रहे हैं। 

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