चीन नंबर वन खतरा...अगर मैं प्रधानमंत्री बना तो उस देश के खिलाफ सख्त रुख अपनाऊंगाः ऋषि सुनक

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने चीन को ब्रिटेन और दुनिया की सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका, भारत समेत कई देशों को निशाना बनाया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 25, 2022 11:41 AM IST / Updated: Jul 25 2022, 07:04 PM IST

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने सोमवार को कहा कि चीन इस सदी में ब्रिटेन और दुनिया की सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उसने अमेरिका से लेकर भारत तक को निशाना बनाया है। सुनक ने कहा कि चीन द्वारा किए जा रहे तकनीकी आक्रमण से बचाव के लिए स्वतंत्र राष्ट्रों के एक नए नाटो-शैली का सैन्य गठबंधन बनाने की जरूरत है। 

कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के वोट जीतने के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान सुनक ने यह बयान दिया। उन्होंने उन योजनाओं के बारे में बात की जिनपर प्रधानमंत्री बनने के बाद वह काम करने वाले हैं। सुनक ने कहा कि मैं यूके में चल रहे सभी 30 चीनी कन्फ्यूशियस संस्थान बंद कर दूंगा। विश्व के सबसे अधिक चीनी कन्फ्यूशियस संस्थान यूके में हैं। 

दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा है चीन
सुनक ने कहा कि चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस सदी में ब्रिटेन और दुनिया की सुरक्षा और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। मैं चीनी साइबर खतरों से निपटने और टेक्नोलॉजी सुरक्षा के लिए सबसे अच्छी व्यवस्था साझा करने के लिए स्वतंत्र देशा का एक नया अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाऊंगा।

उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि चीन ने अमेरिका, भारत और अनेक देशों को निशाना बनाया है। इसके चलते उन्हें भरोसा है कि वह दुनिया भर के देशों को साथ लाकर एक व्यापक गठबंधन बना सकते हैं। इस नए सुरक्षा गठबंधन के हिस्से के रूप में यूके साइबर सुरक्षा और टेलिकम्यूनिकेशन सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय मानकों और मानदंडों को प्रभावित करने और बौद्धिक संपदा की चोरी रोकने के प्रयासों का समन्वय करेगा। 

सबसे पहले कन्फ्यूशियस संस्थानों को बंद करेंगे
चीन पर ब्रिटेन की तकनीक चुराने और विश्वविद्यालयों में घुसपैठ करने का आरोप लगाते हुए सुनक ने कहा कि यूक्रेन पर पुतिन के फासीवादी आक्रमण को बढ़ावा देना, ताइवान को धमकाना, शिनजियांग व हांगकांग में मानवाधिकारों का उल्लंघन करना और वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार हेराफेरी करने के लिए उनकी मुद्रा का दमन करना चीन का काम है। 

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उन्होंने कहा कि चीन विकासशील देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर परेशान कर रहा है और उनकी संपत्ति को जब्त कर रहा है। उसने अपनी मुद्रा को दबाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को लगातार अपने पक्ष में किया है। वह सबसे पहले यूके के सभी 30 कन्फ्यूशियस संस्थानों को बंद करेंगे। यूके की सभी सरकारों ने स्कूल में मंदारिन भाषा पढ़ाने पर खर्च किया। यह पैसा कन्फ्यूशियस संस्थानों को मिला। इससे चीनी सॉफ्ट पावर को बढ़ावा मिलता है।

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